Where to Complain against Dog Biting Cases: कुत्तों के काटने पर रेबीज़ जैसी खतरनाक बीमारी हो सकती है. भारत में इस बीमारी से हर साल करीब 100 लोगों की मौत होती है. वहीं, अब उत्तर प्रदेश की राजधानी समेत कई जिलों में कुत्तों के काटने की घटनाएं भी बढ़ती जा रही हैं. हर एक-दो दिम में पिटबुल या किसी अन्य प्रजाति के कुत्तों द्वारा जानलेवा हमले की खबरें सामने आती रहती हैं. इससे प्रदेश में दहशत का माहौल बढ़ता जा रहा है. इन घटनाओं की वजह से हर डॉगी को लोग अब डर की नजरों से देख रहे हैं. ऐसे में आपको यह जानना जरूरी है कि अगर कुत्ते के काटने की घटना आपके साथ होती है, तो कहां शिकायत करनी चाहिए. क्योंकि सही जगह शिकायत करने से ही समस्या का सही समय पर निस्तारण हो सकेगा.


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आइए जानते हैं कुत्ते के काटने पर कहां कर सकते हैं शिकायत-
1. कुत्ता काटे तो संबंधित थाने में निगम या स्थानीय निकाय में शिकायत की जा सकती है. 
2. पड़ोसी को परेशानी हो तो वह पशु पालन विभाग और निगम में शिकायत कर सकता है.
3. पशु पालन विभाग या निगम स्तर पर पशु का स्टेरलाइजेशन जरूरी है.


वहीं, यह भी जान लें कि कुत्तों के काटने पर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने क्या नियम बनाए हुए हैं-
1. 9 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो लोग लावारिस कुत्तों को खाना खिलाते हैं, उन्हें टीकाकरण के लिए जिम्मेदार बनाया जा सकता है. 
2. 2016 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित श्री जगन आयोग को कुत्तों के हमलों में पीड़ितों को मुआवजा वितरण के बारे में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को भी कहा है.


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जानें क्या कहता है कानून...
1. आईपीसी की धारा 289 के तहत पालतू जानवर की हरकतों के लिए मालिक जिम्मेदार है. 
2. धारा के तहत एक हजार रुपये तक जुर्माना या छह माह जेल अथवा दोनों सजा हो सकती हैं.
3. हालांकि, मुआवजे का प्रावधान नहीं है.
4. कुत्ते के काटने और नुकसान पहुंचाने पर उसे मार नहीं सकते.
5. कुत्ते को मारने पर पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम धारा 11 (3) के तहत कार्रवाई संभव. 
6. धारा के तहत सोसाइटी कुत्ते पालने से रोक नहीं सकती.
7. पालतू कुत्ते के काटने से मौत पर डॉग ओनर पर केस हो सकता है.


डॉ. ब्रजवीर सिंह अपर निदेशक पशुपालन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम से लोगों को कानून का डर है. बधियाकरण और वैक्सीनेशन के लिए जल्द टीम तैयार की जाएगी...


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