Justice Dhananjaya Yeshwant Chandrachud : जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे. देश के मौजूदा चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति यूयू ललित ने उनके नाम की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी है.  जस्टिस चंद्रचूड़ भारत के 50वें CJI होंगे. प्रधान न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित का कार्यकाल 8 नवंबर 2022 खत्म होगा. अगले दिन 9 नवंबर को जस्टिस चंद्रचूड़ शपथ लेंगे. सुप्रीम कोर्ट के भावी चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं. उससे पहले वो बांबे हाईकोर्ट में जज के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं. वो उत्तर प्रदेश से जुड़े राम जन्मू भूमि बाबरी मस्जिद विवाद में ऐतिहासिक फैसला देने वाली पांच जजों की संविधान पीठ का भी हिस्सा थे.


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साथ ही काशी में ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई कर रही खंडपीठ में भी वो शामिल हैं. ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने का दावा किया गया था, इसकी कार्बन डेटिंग कराने को लेकर दाखिल याचिका पर वाराणसी जिला अदालत अलग सुनवाई कर रही है.


जस्टिस चंद्रचूड़ उन 5 जजों की पीठ में शामिल थे, जिसने 5 अगस्त 2019 को अयोध्या के मंदिर-मस्जिद विवाद पर 40 दिनों लंबी सुनवाई के बाद राम लला विराजमान के पक्ष में निर्णय सुनाया था. अयोध्या केस में तत्कालीन सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोब्डे, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ औऱ जस्टिस एस. अब्दुल नजीर शामिल थे.


जस्टिस चंद्रचूड़ बांबे हाई कोर्ट में न्यायाधीश रहे. वो इलाहाबाद हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस की जिम्मेदारी निभाई.उन्होंने केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक हटाने, निजता को मौलिक अधिकार घोषित करने जैसे ऐतिहासिक फैसले भी दिए. समलैंगिक संबंधों को अपराध के दायरे से बाहर करने का निर्णय़ भी उनकी भागीदारी वाली पीठ ने सुनाया. पीठ ने आईपीसी की धारा 497 को समानता के अधिकार का उल्लंघन के साथ असंवैधानिक घोषित किया था. इच्छामृत्यु के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट के दूरगामी फैसला लेने वाली पीठ में भी वो शामिल थे.जस्टिस चंद्रचूड़ नेशनल लीग सर्विसेस अथॉरिटी के मौजूदा कार्यकारी अध्यक्ष हैं. उनके पिता जस्टिस वाई.वी. चंद्रचूड़ (Chief Justice Y V Chandrachud) देश में सबसे लंबे समय तक सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रहे थे. 


जस्टिस चंद्रचूड़ ने दिल्ली के सेंट कोलंबिया स्कूल और सेंट स्टीफंस कॉलेज से पढ़ाई की. उन्होंने 1982 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ लॉ (Bachelor of Laws) की डिग्री ली औऱ 1983 में हार्वर्ड लॉ स्कूल से मॉस्टर्स ऑफ लॉ (Master of Laws) की डिग्री ली. उन्होंने फली एस नरीमन के साथ कुछ वक्त तक कार्य किया. फिर सुलीवन एंड क्रॉमवेल ( Sullivan and Cromwell) कंपनी में वकालत का कार्य किया. उन्हें 1998 में बांबे हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट बनाया गया. फिर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया की जिम्मेदारी निभाई.


वो 29 मार्च 2000 को हाईकोर्ट जज बने.फिर 31 अक्टूबर 2013 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (Allahabad High Court Chief Justice) नियुक्त किए गए. फिर वो 13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट में जज बने. 24 अप्रैल 2021 को वो सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों के नामों की सिफारिश करने वाली कॉलेजियम का हिस्सा बने. वो 9 नवंबर को देश के 50वें चीफ जस्टिस (50th Chief Justice of India) के तौर पर शपथ लेंगे.