लखनऊ: महंगाई से राहत की उम्मीद पाले लोगों को जल्द ही बिजली बिल के लिए अपनी जेब और ढीली करनी पड़ेगी.  ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने पिछले दिनों एक तरफ बिजली की दरें नहीं बढ़ाए जाने की बात कही थी. वहीं दूसरी ओर पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन ने फ्यूल सरचार्ज के एवज में बिजली महंगी करने के प्रस्ताव को उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग से वापस नहीं लिया है. ऐसें में बिजली बिल में सरचार्ज का करंट देने की तैयारी कर ली गई है. दीपावली से पहले बिजली की दरें बढ़ सकती हैं. राज्य बिजली नियामक आयोग ने कारपोरेशन ने आपत्तियां मांगी है. तीन सप्ताह में प्रस्तावित दरों पर आपत्तियां दर्ज कराई जा सकती हैं.


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कितना बढ़ेंगी दरें
बताया जा रहा है कि घरेलू बिजली 56 पैसे प्रति यूनिट, दुकान के लिए बिजली 87 पैसे, किसानों के लिए 52 पैसे और उद्योगों के लिए बिजली 74 पैसे प्रति यूनिट महंगी हो सकती है.


उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने किया विरोध


बिजली की दरों में वृद्धि का विरोध भी शुरू हो गया है.
फ्यूल सरचार्ज के एवज में कारपोरेशन के प्रस्ताव को असंवैधानिक बताते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने भी आयोग में याचिका दाखिल की है. परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा के मुताबिक ''नियमानुसार 30 पैसे प्रति यूनिट बिजली सस्ती होनी चाहिए.
प्रस्ताव को आयोग की अवमानना बताते हुए वर्मा का कहना है कि आयोग ने जून 2020 में इस संबंध में कानून बनाया था जिसे कारपोरेशन प्रबंधन ने दरकिनार कर मनमाने तरीके से बिजली महंगी करने का प्रस्ताव दाखिल किया.''
परिषद अध्यक्ष के मुताबिक ''जब उपभोक्ताओं का ही बिजली कंपनियों पर लगभग 33,122 करोड सरप्लस निकल रहा है तब फिर इस तरह का प्रस्ताव खारिज होना चाहिए.''


उपभोक्ता वर्ग- प्रस्तावित फ्यूल सरचार्ज (प्रति यूनिट) घरेलू (बीपीएल) 


28 पैसे घरेलू (सामान्य) - 44 से 56 पैसे
कॉमर्शियल(दुकान) - 49 से 87 पैसे
किसान(निजी ट्यूबवेल) - 19 से 52 पैसे
लघु व मध्यम उद्योग - 67-74 पैसे
बड़े व भारी उधोग - 54 से 64 पैसे
रेलवे ट्रैक्शन – 71-85 पैसे नान इं
डस्ट्रियल बल्कलोड -76 पैसे-1.09 रुपये 


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