Dr Subhash Chandra Exclusive interview: एस्सेल ग्रुप ने अपने इतिहास में कई कॉरपोरेट ऊंचाइयां छूई हैं. लेकिन, आज इस ग्रुप की फाइनेंशियल स्ट्रेंथ, क्रेडिबिलिटी और उनके कर्ज के पेमेंट को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. सुभाष चंद्रा ने ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में बेबाकी के साथ हर सवाल का जवाब दिया है. उन्होंने अपने फ्यूचर प्लान बताएं हैं. 


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सवाल- कर्ज चुकाने को लेकर बात कहां तक पहुंची है ?
डॉ. सुभाष चंद्रा ने कहा, पिछले साल एक ओपन लेटर में हमने बताया था कि 92 फीसदी से ज्यादा कर्ज चुका दिया गया है. उसके बाद भी कर्ज चुका चुके हैं. अब थोड़ा ही कर्ज बचा है. मैंने हमेशा कोशिश की है, जो भी स्थिति आए उसमें पूरी तरह से डटकर सामने किया जाए. 25 जनवरी 2019 जिस वक्त ये स्थिति आई थी, उसी वक्त इससे पूरी तरह निकलने का इरादा बना लिया था.


सवाल- कब तक कर्ज पूरा चुका देंगे?
डॉ. सुभाष चंद्रा के मुताबिक, शुरुआत तो हर दिन नई शुरुआत होती है. मैं तो वर्तमान में जीता हूं. ये आज की सच्चाई है. मेरा प्रयास था कि 31 मार्च 2023 तक सारे कर्ज चुकाने का इरादा था, लेकिन कुछ परिस्थितियों की वजह से देरी हुई है. कुछ एसेट्स की बिक्री नहीं हुई है. लेकिन, जैसे ही कुछ फाइनल होता है, पूरी तरह से कर्ज मुक्त हो जाएंगे. 


सवाल- कई लेनदार कर्ज को लेकर विवाद कर रहे हैं, कई मामले कोर्ट में भी चल रहे हैं, क्या वजह है?
डॉ. सुभाष चंद्रा ने बताया, लेनदारों ने एस्सेल ग्रुप को बहुत ज्यादा सपोर्ट किया है. वह जानते हैं कि एस्सेल ग्रुप ने अपने कीमती एसेट्स बेचकर कर्ज चुकाया है. एस्सेल ग्रुप ने लेनदारों के 40,000 करोड़ रुपए चुकाए हैं. ग्रुप ने अब तक 40,000-50,000 करोड़ रुपए का सिर्फ ब्याज चुकाया है. 1967 से लेकर 2019 तक एस्सेल ग्रुप ने कभी डिफॉल्ट नहीं किया.


सवाल- कर्ज चुकाने के लिए कई एसेट्स बेचे, लेकिन क्या इसे लेकर कभी कोई तकलीफ होती है?
डॉ. चंद्रा ने इसके जवाब में कहा, कीमती से कीमती एसेट्स बेचने में कभी भी तकलीफ नहीं हुई. दो-तीन अकाउंट का ही पेमेंट करना बाकी है. सबका कर्ज विनम्रता के साथ चुकाने का संकल्प है, जो जल्द पूरा हो जाएगा.


सवाल -  कई बार लोग पूछते थे कि डॉ. चंद्रा देश में हैं या बाहर चले गए हैं, लेकिन आप देश में ही डटे रहे और सबका कर्ज चुका रहे हैं.
डॉ. सुभाष चंद्रा ने कहा, समस्या हर किसी के जीवन में आती है, इससे निपटना ही दिलेरी है. ताकतवर आदमी मुसीबत से भागता नहीं, उनसे जूझता है.



सवाल- 6 - ज़ी-सोनी मर्जर पर क्या अपडेट है, कब तक पूरा होने की उम्मीद है?
डॉ. सुभाष चंद्रा ने कहा ज़ी एंटरटेनमेंट-सोनी मर्जर में मेरा कोई बड़ा योगदान नहीं है. ज़ी एंटरटेनमेंट-सोनी पर मेरा कुछ बोलना ठीक नहीं रहेगा. इसके लिए कंपनी के CEO ज्यादा बेहतर बता पाएंगे. जितना मेरी जानकारी है ज़ी एंटरटेनमेंट-सोनी मर्जर जल्द पूरा होने की उम्मीद है.


सवाल- 7 - अब भी लोग ज़ी एंटरटेनमेंट को एस्सेल ग्रुप का हिस्सा मानते हैं?
डॉ. सुभाष चंद्रा ने बताया, एस्सेल ग्रुप ने ही ज़ी एंटरटेनमेंट को शुरू किया था. इसलिए बहुत लोगों को कन्फ्यूजन रहता है. आगे भी लोग कुछ समय तक ज़ी एंटरटेनमेंट को एस्सेल ग्रुप का हिस्सा मानेंगे. ज़ी एंटरटेनमेंट को मैं अपने दिलोदिमाग से निकाल चुका हूं.


सवाल- 90 हजार करोड़ चुकाने के बाद अब आपकी नेटवर्थ क्या है?
डॉ. सुभाष चंद्रा ने कहा मेरी अपनी नेटवर्थ लगभग नहीं के बराबर है. मैंने अपना घर गिरवी रखकर भी कर्ज चुकाया है.


सवाल- प्रोमोटर पर्सनल गारंटी देने से डरते हैं, लेकिन आपने खुलकर पर्सनल गारंटी दी, इसकी क्या वजह है?
डॉ. सुभाष चंद्रा के मुताबिक, जनवरी 2019 से पहले कभी कोई पर्सनल गारंटी नहीं दी थी. लेकिन, जनवरी 2019 के बाद पुराने कर्ज पर पर्सनल गारंटी दी. फिलहाल, पर्सनल गारंटी का कोई मामला बकाया नहीं है. पर्सनल गारंटी को कोई भुनाएगा तो उसे कुछ नहीं मिलेगा, क्योंकि मेरे पास कुछ भी नहीं है.


सवाल- 10 - क्या कुछ लेनदार बात सुनने के लिए तैयार नहीं है?
डॉ. सुभाष चंद्रा ने कहा, हमारी नीयत साफ है, हमें सबका कर्ज चुकाना है.


सवाल- 11 - डिश टीवी कैश रिच कंपनी है, लेकिन अब भी कई समस्याएं दिख रही हैं?
डॉ. सुभाष चंद्रा ने साफ किया डिश टीवी (Dish TV) हमारे ग्रुप की कंपनी नहीं है. वो मेरे छोटे भाई जवाहर गोयल की कंपनी है. डिश टीवी आज की तारीख में पूरी तरह से कर्ज मुक्त कंपनी है. यस बैंक से डिश टीवी को लेकर कुछ विवाद है, मामला कोर्ट में है. एस्सेल ग्रुप की हर कंपनी में निवेश करके लोगों ने पैसा बनाया है. डिश टीवी के लेंडर्स बिना प्रोमोटर के कंपनी चलाना चाहते हैं तो चलाएं.


सवाल- सुभाष चंद्रा के बारे में कहा जाता है कि वो लड़खड़ा सकते हैं, मगर गिरकर खड़ा होने का हुनर भी वो जानते हैं, अब आगे क्या?
डॉ. सुभाष चंद्रा ने अपने फ्यूचर प्लान पर भी बात की. उन्होंने कहा इस वक्त मैं टेक्नोलॉजी और दूसरे क्षेत्रों में स्टार्टअप्स की मेंटरिंग कर रहा हूं. इससे बिना पूंजी लगाए कुछ शेयरहोल्डिंग मिल जाएगी. जनसेवा के लिए ट्रस्ट बनाया था, उसका काम भी करता रहूंगा.


सवाल- कर्ज को लेकर जो पूरा मसला रहा है, उसके आपकी पर्सनल और प्रोफेशनल लेवल पर क्या लर्निंग रही?
डॉ. सुभाष चंद्रा ने कहा बुरा वक्त सबकुछ सीखाता है. व्यक्ति बुरे वक्त में ही ज्यादा सीखता है. कामयाबी के टाइम पर लोग घोड़े पर सवार होते हैं. मैंने भी अपने बुरे वक्त में बहुत कुछ सीखने और समझने को मिला है. इस वक्त में कुछ लोगों ने साथ दिया. मेरा ज्यादातर एक्सपीरियंस अच्छा रहा.