50 साल बाद भी आंखों में नहीं लगाना पड़ेगा चश्मा, बस आपनी इन आदतों को करें बॉय-बॉय
Eyesight Weak signs: लोग दफ्तरों में काम करने के बाद घर लौटने पर घंटों मोबाइल पर जमे रहते हैं. ऐसे में घंटों स्क्रीन देखने की वजह से आंखें थक जाती हैं. लगातार ऐसा करने पर आंखों में कमजोरी से लेकर रोशनी पर भी इसका असर पड़ना शुरू हो जाता है.
Eyesight Weak signs: खानपान और व्यस्तजीवन शैली से सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है. लोग दफ्तरों में काम करने के बाद घर लौटने पर घंटों मोबाइल पर जमे रहते हैं. ऐसे में घंटों स्क्रीन देखने की वजह से आंखें थक जाती हैं. लगातार ऐसा करने पर आंखों में कमजोरी से लेकर रोशनी पर भी इसका असर पड़ना शुरू हो जाता है. हर शख्स अगर अपने दिनचर्या में इन आदतों को बॉय-बॉय कर दे तो उसे 50 साल बाद भी आंखों में चश्मा नहीं लगाना पड़ेगा.
घंटों मोबाइल न चलाएं
घंटों मोबाइल या लैपटॉप देखने की वजह से आंखों में खुजली की समस्या होने लगती है. अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो यह आंखों की रोशनी कम होने का एक लक्षण है. ऐसा होने पर तुरंत आंखों के डॉक्टर को दिखाएं. साथ ही आंखों को ठंडे पानी के छींटें मारकर अच्छे से धो लें. इससे आराम मिलता है.
खानपान न बिगाड़े
मोबाइल से लेकर पढ़ते लिखते या किसी चीज पर नजरों के टिकाने पर आंखों से पानी आने लगता है. ऐसा होने का मतलब है कि आपकी आंखें कमजोर हो रही है. आंखों की रोशनी प्रभावित हो रही है. ऐसे में आयुर्वेदिक आई ड्रॉप लेने की जरूरत है. ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें. इसका बेहतर उपाय है कि लोग अपना खानपान स्वस्थ रखें तो उनकी आंखें कमजोर नहीं होंगी.
खाने में ये शामिल करें
आंखों की रोशनी कम न हो इसके लिए अपनी थाली में विटामिन से भरपूर सब्जियां और सलाद शामिल करें. विटामिन ए आंखों की देखभाल के लिए आवश्यक पोषक तत्व माना गया है. गाजर, पपीता, आंवला, हरी और पत्तेदार सब्जियों के साथ-साथ शिमला मिर्च में भी विटामिन ए होता है.
डिस्क्लेमर: यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. zeeupuk इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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