गोभी 800 रु प्रति बोरी बेचना चाहते थे किसान,70 रु भी नहीं मिले,लिया चौकाने वाला फैसला
गोभी की फसल खेत में खड़ी थी.लेकिन किसानों को उस फसल के ऊपर ट्रैक्टर चलाने को मजबूर होना पड़ा. जानिए आखिर ऐसा क्यों हुआ.
हापुड़: उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में एक किसान ने जहां 12 बीघा में फैली हरी-भरी बंद गोभी की फसल को ट्रैक्टर से नष्ट कर दिया, तो वहीं दूसरे गांव के किसान ने 25 बीघा में फैली गोभी को ट्रैक्टर से रौंद दिया. किसानों का कहना है कि उन्हें फसल का मंड़ी में उचित दाम नहीं मिल रहा था, जिसकी वजह से उन्हें यह कदम उठाना पड़ा. ततारपुर गांव के किसान विपिन त्यागी ने बताया कि उन्होंने 11 बीघा में बंद गोभी की खेती की थी.
खेती के दौरान उनके मन में अच्छी लागत मिलने की उम्मीद थी. लेकिन जब वह मंडी में बंद गोभी की फसल का रेट तय करने गये, तो वहां फसल का उचित दाम लगाना तो दूर, उसे खरीदने के लिए ही कोई राजी नहीं था. भाव भी इस तरह का दिया गया कि जितनी लागत थी, वह भी नहीं मिल पा रही थी. इसी कारण उन्हें थक-हारकर अपनी फसल को नष्ट करना पड़ रहा है.
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वहीं, हापुड़ सदर तहसील के बागड़पुर गांव के किसान जितेन्द्र सिंह बताते हैं कि उन्होंने 25 बीघा के खेत में बंद गोभी की फसल को तैयार की थी. फसल तैयार करते समय उन्हें यह उम्मीद थी कि बंद गोभी के दाम 800 रुपये से लेकर 900 रुपये तक प्रति बोरी मिल जाएगा. लेकिन उनके अरमानों पर पानी तब फिर गया, जब मंड़ी में 70 रूपये से लेकर 80 रूपये प्रति बोरी का भाव दिया जा रहा था. जितेन्द्र सिंह ने बताया कि इस भाव में उन्हें फायदा होना तो दूर, बल्कि उनकी जो लागत थी वह भी नहीं निकल रही थी. इसी से निराश होकर उन्होंने तैयार बंद गोभी की फसल पर ट्रैक्टर चलाकर उसे नष्ट कर दिया.
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