फिरोजाबाद चुनाव 2022 के नतीजे: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद शहर की विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी मनीष असीजा ने लगातार तीसरी बार जीत हासिल की है. पिछले दो चुनावों से विधायक रहे मनीष असीजा को ही भारतीय जनता पार्टी ने इस बार भी टिकट दिया था. भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर हैट्रिक लगते हुए सपा के सैफुर्रहमान को हराया है. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले की पांच विधानसभा सीटों में से भाजपा को दो और सपा को तीन सीटों पर जीत हासिल हुई है. भाजपा ने टूंडला और फिरोजाबाद शहर पर जीत दर्ज करी, तो वहीं सपा ने भी जसराना, शिकोहाबाद और सिरसागंज सीट पर अपना परचम लहराया है.      


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टूंडला और शिकोहाबाद सीट के परिणाम  
टूंडला विधानसभा सीट से भाजपा के प्रेमपाल धनगर ने सपा प्रत्याशी राकेशबाबू एडवोकेट को परास्त कर जीत हासिल की है. वहीं शिकोहाबाद विधानसभा सीट से सपा प्रत्याशी डॉ. मुकेश वर्मा दोबारा विधायक बनने में सफल रहे. उन्होंने पिछला विधानसभा चुनाव इसी सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में लड़ा था और साथ ही जीत भी दर्ज की थी. इस बार वे भाजपा छोड़ सपा में शामिल हो गए थे और इस सीट से दोबारा जीत हासिल करते हुए उन्होंने भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश वर्मा को हराया है. 


फिरोजाबाद में मनीष असीजा ने लगाई हैट्रिक  
फिरोजाबाद जिले की पांच विधानसभा सीटों में से तीन सीटें यादव बहुल हैं. यहां यादव वोटर्स अधिक मात्रा में हैं. फिरोजाबाद शहर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी मनीष असीजा ने जीत की हैट्रिक लगते हुए सपा प्रत्याशी सैफुर्रहमान उर्फ छुट्टन भाई को मात दी है. 


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जसराना और सिरसागंज सीट के नतीजे 
जसराना विधानसभा में सपा के प्रत्याशी इंजीनियर सचिन यादव और भाजपा के मानवेंद्र प्रताप लोधी के बीच कांटे की टक्कर हुई, लेकिन अंत में सचिन यादव को इस सीट पर जीत हासिल हुई. वहीं सिरसागंज सीट पर जीत दर्ज करने में सपा सफल रही. सिरसागंज में सपा प्रत्याशी सर्वेश यादव ने मुलायम सिंह के समधी और भाजपा प्रत्याशी हरिओम यादव को हराया है. 


क्या कहता है फिरोजाबाद शहर का इतिहास 
आपको बता दें कि फिरोजाबाद शहर सीट पर सबसे पहला चुनाव 1957 लड़ा गया था. उस चुनाव में निर्दलीय पार्टी से जगन्‍नाथ लहिरी जीते थे. इसके बाद आरपीआई जीती. फिर लगातार दो बार निर्दलीय लड़े राजा राम ने यहां से जीत दर्ज की. कांग्रेस को यहां पहली और आखिरी बार गुलाम नबी ने 1980 में जीत दिलाई थी. भाजपा इस सीट पर पहली बार 1991 में जीती थी. तब से लेकर अब तक पार्टी यहां तीन बार जीत दर्ज कर चुकी है. सपा को दो बार और बसपा को केवल एक बार ही यहां से जीत हासिल हुई है. वहीं तीन बार बाजी निर्दलीयों के हाथ ही लगी है.


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