Ration Card History: 80 साल का हो गया देश का पहला राशन कार्ड, जानें कब कैसे और कहां बना
Ration Card: आपके घर में राशन कार्ड होगा, मगर क्या आपको पता है देश का पहला राशन कार्ड कब बना था. आपको बता दें देश का पहला राशन कार्ड 80 साल का हो गया है. आइए आपको बताते हैं पहला राशन कार्ड कब, कैसे और कहां बना था.
Ration Card: राज्य सरकारों द्वारा राशन कार्ड के जरिए लोगों को सहायता पहुंचाई जाती है. इससे बीपीएल परिवारों को राशन मुहैया कराया जाता है. गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को इससे राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली आटा, चावल, दाल, चीनी समेत अन्य सामग्री उपलब्ध कराई जाती है, मगर क्या आपको पता है कि देश का पहला राशन कार्ड कब बना था. जानकारी के मुताबिक भारत में साल 1940 में राशन कार्ड की शुरुआत की गई थी. सबसे पहले इसे बंगाल में शुरू किया गया थी, तब वहां अकाल पड़ा था.
जानकारी के मुताबिक द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान साल 1945 में अंग्रेजों ने इसे योजना का रूप दिया. आजादी के बाद 1960 के दशक में लोग भोजन की कमी से जूझने लगे. अनाज की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए सरकार ने इसे दोबारा नए सिरे से शुरू किया.
चार रंगों में होते हैं राशन कार्ड
1. नीला और पीला
नीले और पीले रंग का राशन कार्ड गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों को दिया जाता है. कई राज्यों में इसका रंग पीला या हरा भी होता है. इस कार्ड के लिए ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों की प्रति वर्ष आय 6400 रुपये और शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों की प्रति वर्ष आय 11 हजार 850 रुपये से कम होनी चाहिए. इससे राज्य सरकार लोगों को सब्सिडी पर राशन मुहैया कराती है.
2. गुलाबी
सरकार की तरफ से गुलाबी रंग का राशन कार्ड ऐसे परिवारों को जारी किया जाता है, जिनकी प्रति वर्ष आय गरीबी रेखा की सीमा से कम होती है. राशन कार्ड पर परिवार के मुखिया की फोटो लगी होती है. इस कार्ड के जरिये परिवार को आटा, दाल चीनी, तेल आदि खाने-पीने की सामग्री उपलब्ध कराई जाती है.
3. सफेद
सफेद रंग का राशन कार्ड ऐसे लोगों को जारी किया जाता है जो आर्थिक रूप से समृद्ध होते हैं. इन लोगों को राशन उपलब्ध नहीं कराया जाता. ये लोग इस कार्ड का उपयोग पहचान पत्र या फिर एड्रेस प्रूफ के तौर पर कर सकते हैं.
राशन कार्ड का उद्देश्य
देश में कई परिवार ऐसे हैं जो आर्थिक रूप से समृद्ध नहीं है. ये परिवार गरीबी रेखा से नीचे आते हैं. ये परिवार अपने लिए राशन सामग्री नहीं जुटा पाते. ऐसे में राज्य सरकार इन परिवारों को जीवन यापन के लिए राशन उपलब्ध कराती है. साथ ही सरकार की तमाम योजनाओं को लाभ भी राशन कार्ड के जरिए दिया जाता है. परिवार के सदस्यों की संख्या के अनुसार उन्हें राशन दिया जाता है. इसके अलावा राशन कार्ड को पहचान पत्र या मूल निवास साबित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही आवेदन पत्र में भी इसका उपयोग किया जाता है.
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पात्रता
राशन कार्ड के लिए सिर्फ भारतीय नागरिक ही आवेदन कर सकते हैं. यह केवल परिवार के मुखिया के नाम पर जारी किया जाता है. इसलिए मुखिया की उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए. राशन कार्ड पर परिवार के सभी सदस्यों का नाम लिखा होता है. यह कार्ड राज्य सरकार द्वारा जारी किया जाता है इसलिए इसके लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति के नाम पर किसी दूसरे में राशन कार्ड जारी नहीं होना चाहिए. साथ ही राशन कार्ड को परिवार की सालान कमाई के आधार पर जारी किया जाता है.
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