UP Flood: इस साल मॉनसून की दस्तक के बाद देश के अधिकतर हिस्सों में जमकर बारिश हुई. जबकि कुछ राज्यों में लोग बारिश को तरस गए. यूपी की बात करें तो, यहां के कई शहरों में हुई झमाझम बारिश से लोगों को राहत मिली. लेकिन कुछ इलाकों में अभी भी लोगों को बारिश का इंतजार है. वहीं यूपी के वाराणसी, आगरा, कानपुर, जैसे प्रमुख शहरों में यमुना, चंबल, बेतवा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है जिस कारण बाढ़ का खतरा भी बढ़ रहा है. वाराणसी में गंगा अपना रौद्र रूप दिखाने लगी है. मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो-तीन दिनों तक तेज बरसात की संभावना है. जिससे नदियों का जलस्तर और तेजी से बढ़ेगा. गंगा का जलस्तर पहले ही खतरे के निशान के पार पहुंच चुका है. कई कालोनियों में पानी घुसने लगा हैं. सबसे ज्यादा हालात घाटों पर खराब हैं. गंगा के पलट प्रवाह से वरुणा नदी भी उफान पर हैं. 


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बाढ़ ने चंबल में मचाई तबाही


यूपी के मेरठ सहित आसपास के क्षेत्रों में बुधवार को बूंदाबांदी एवं हल्की बारिश देखी गई. वहीं उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में बारिश की कमी के कारण सूखे के हालात बन गए हैं. इन इलाकों में किसानों को धान की बोवाई के लिए समस्या हो रही है. दूसरी ओर यूपी की सीमा पर बह रही चंबल नदी उफान पर है. चंबल नदी के बढ़ते जलस्तर ने 26 साल पुराना रिकार्ड तोड़ा है. धाैलपुर में चंबल खतरे के निशान से 15 मीटर ऊपर बह रही है. वहीं नदी के किनारे बसे गांवाें में बाढ़ का पानी घुसने से कई घर डूब चुके हैं. सेना और एनडीआरएफ की टीमें सक्रिय हैं और आबादी वाले इलाकाें में राहत कार्य में जुटी हैं. दरअसल, पिछले एक सप्ताह से मध्यप्रदेश और राजस्थान में लगातार बारिश हो रही है जिसके चलते बांधाें से चंबल नदी में पानी छोड़ा जा रहा है. 



बनारस में हालात बेकाबू 


भारत मौसम विज्ञान विभाग ने गुरूवार को यह जानकारी दी कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी 17 सितंबर तक हो सकती है. हालांकि मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में यूपी की राजधानी लखनऊ और वाराणसी समेत कई जिलों में बारिश की संभावना जताई है. वाराणसी में गंगा का जलस्तर बढ़ने से महाश्मशान तक पानी पहुंच रहा है. बता दें डीएम कौशल राज शर्मा ने गंगा, वरुणा व गोमती तटवर्ती इलाकों व गांवों में अलर्ट घोषित कर दिया है. गंगा के उफान के कारण कई गांव की फसलें जलमग्न हो गई हैं. इसके अलावा अस्सी घाट पर होने वाली मां गंगा की आरती घाटों की जगह गलियों में की जा रही है.


राहत शिविर से लोगों को सहायता


बता दें कि गंगा के रौद्र रूप को देखते हुए बाढ़ राहत शिविर शुरू कर दिए गए हैं. बनारस में कई किसान हैं जिनकी फसलें बीते दो दिनों में बर्बाद हुई हैं. गंगा के अलावा वरुणा से सटे आधा दर्जन इलाकों में भी बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुस चुका है.