गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश में उच्च न्यायालय के आदेश के बाद फीस वापसी का मुद्दा गरमाया हुआ है. नोएडा के बाद गाजियाबाद अलीगढ़ और गोरखपुर के स्कूलों को शिक्षा विभाग ने फरवरी महीने में फीस वापसी के लिए पत्र जारी किया था. हाईकोर्ट के आदेश पर कोरोना काल मे स्कूल बंद रहने और खर्चो में आई कमी के कारण 15% फीस वापसी का फैसला लिया गया था. जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद के 38 स्कूलो ने फीस वापसी की प्रकिया शुरू कर दी गई है, लेकिन अभी भी काफी स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने यह प्रक्रिया शुरू नहीं की है. वहीं, अलीगढ़ अभिभावक एसोसिएशन के लोगों ने भी डीआईओएस को ज्ञापन सौंपकर फीस वापसी की मांग की है.


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जिन स्कूलों ने फीस लोटाना शुरू नहीं किया है उनके खिलाफ कड़ा रुख अपनाया जा रहा है. शिक्षा विभाग ने स्कूलों को नोटिस जारी करते हुए जल्द फीस वापस करने के लिए कहा है. ऐसा न करने पर सख्त कार्रवाई के साथ ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द की जाएगी. गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने जानकारी दी. सीमा के मुताबिक 2 स्कूलों को छोड़कर किसी ने फिस वापसी की प्रक्रिया शुरू नहीं की है. कुछ पेरेंट्स भी बता रहे हैं कि उनके द्वारा फीस वापसी की बात स्कूल प्रशासन को कही गई तो वे अनजान बनते नजर आए. 


नोएडा के 100 निजी स्कूलों पर एक एक लाख के जुर्माने का मामला आज कोर्ट पहुंचा. स्कूल एसोसिएशन की ओर से यह मामला सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने रखा गया था. चीफ जस्टिस ने इस पर 8 मई को सुनवाई करने की बात कहीं. आपको बता दें कोरोना काल में 15 % फीस वापस लौटाने के इलाहाबाद हाइकोर्ट के आदेश पर अमल न करने के चलते नोएडा डीएम ने स्कुलों पर ये जुर्माना लगाया था.


आपको बता दें हाईकोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने भी आदेश दिए, इसके बाद भी यदि स्कूल प्रशासनों ने पैसे लौटाना चालू नहीं किया. आप समझ सकते हैं किस तरह से स्कूल प्रशासन अपनी मनमर्जी पर उतरे हुए हैं. डीआईओएस द्वारा बुलाई गई मीटिंग में भी मात्र 85 स्कूलों ने भाग लिया, जबकि बाकी ने उस में भी भाग लेना आवश्यक नहीं समझा. ऐसे में किस तरीके से शिक्षा विभाग हाईकोर्ट के आदेश को अमलीजामा पहना पाहनाएगा यह सोचने वाली बात है.


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वहीं, अलीगढ़ में आधा दर्जन से अधिक पेरेंट्स ने डीआईओएस को दी लिखित शिकायत दी. इसमें उन्होंने कहा हाईकोर्ट का आदेश होने के बावजूद स्कूल संचालकों ने 15 परसेंट फीस वापस नहीं की. डीआईओएस ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई के आदेश दिया है.


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