Ghaziabad News: मरीजों की जान से खेल रहे गाजियाबाद के 87 नशा मुक्ति केंद्रों पर लगेगा ताला, जांच में चौंकाने वाले खुलासे
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्वास्थ्य विभाग की नाक के नीचे अवैध वसूली करने का मामला सामने आया है. यहां पर करीब 87 नशा मुक्ति केंद्र संचालित कर अवैध वसूली की जा रही थी.
पीयूष गौड़/गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्वास्थ्य विभाग की नाक के नीचे अवैध वसूली करने का मामला सामने आया है. यहां पर करीब 87 नशा मुक्ति केंद्र संचालित कर अवैध वसूली की जा रही थी. बिना किसी लाइसेंस के अवैध रूप से चलाए जा रहे नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती मरीजों के परिजनों से नशा मुक्त करने के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती थी. आपको बता दें कि यह नशा मुक्ति केंद्र बिना किसी लाइसेंस के ही चलाए जा रहे थे. मिली जानकारी के मुताबिक नशा मुक्ति केन्द्रों में मरीजों की मारपीट के कारण मृत्यु के कई प्रकरण सामने आए थे. मामले को संगान में लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अवैध रूप से चलाए जा रहे करीब 87 नशा मुक्ति केंद्र को नोटिस जारी कर तुरंत बंद करने के आदेश दिए हैं.
यह है पूरा मामला...
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में बिना लाइसेंस के ही करीब 87 नशा मुक्ति केंद्र चलाए जा रहे थे. इतना ही नहीं यहां पर भर्ती मरीजों के परिजनों से नशा मुक्त करने के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती थी. मिली जानकारी के मुताबिक इन केन्द्रों में हुई कुछ मौत की रिपोर्ट में मारपीट की बात सामने आई थी. इसके बाद मामले को संज्ञान में लेकर गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. स्वास्थ्य विभाग जिला मानसिक रोग इकाई के नोडल अधिकारी डॉक्टर आरके गुप्ता ने बिना लाइसेंस लिए अवैध रूप से चलाए जा रहे करीब 87 नशा मुक्ति केंद्रों को तत्काल प्रभाव से बंद करवाने का नोटिस जारी किया हैं.
सभी मरीजों को किया जाए डिस्चार्ज
मानसिक रोग इकाई के नोडल अधिकारी डॉक्टर आरके गुप्ता ने औचाक निरीक्षक किया. इस दौरान उन्हें इन नशा केंद्रों में अनियमितता मिली. उन्होंने बताया कि केंद्रे के संचाल के लिए राज्य मानसिक इकाई लखनऊ से कोई लाइसेंस नहीं लिया गया है. ऐसे मने यहां पर भर्ती सभी मरीजों को तुरंत डिस्चार्ज और तत्काल प्रभाव से सभी नशा मुक्ति केन्द्रों को बंद करने के आदेश दिए हैं.
डॉ. आर के गुप्ते ने दी जानकरी
मानसिक स्वास्थ्य एक्ट 2017 के अनुसार सभी नशा मुक्ति केंद्र को एक लाइसेंस राज्य सरकार द्वारा प्राप्त करना होता है. नोटिस दिए गए सभी नशा केदो के पास कोई भी लाइसेंस नहीं है और जो मानक है वह भी नशा केंद्र पूरा नहीं कर रहा है. ऐसे में आवश्यक है कि इन सभी को बंद कराकर एक बार बुलाकर मानकों के बारे में बताया जाए, क्योंकि कई बार चेतावनी देने के बाद भी इनकी कार्यशाली में कोई सुधार नहीं देखने को मिल रहा है. ऐसी घटनाएं अक्सर देखने और सुनने में आ रही है, जहां मरीजों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है. ऐसे में एक क्वालिटी स्टैंडर्ड मानक मेंटेन होने चाहिए, जिससे मरीजों की स्वास्थ्य सुरक्षा और अधिकार सही से उन्हें मिल सके.
बाइट डा.आरके गुप्ता नोडल अधिकारी गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग
Watch: सपा के पोस्टरों का कांग्रेस ने ऐसे दिया जवाब, यूपी में INDIA गठबंधन पर संकट गहराया