खुद को पार्वती का अवतार बताकर कैलाश से नहीं लौटी युवती, शिव से करना चाहती है विवाह
कैलाश सिर्फ एक स्थान नहीं है. चीन बॉर्डर के करीब नाभीढांग में 17 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद ओम पर्वत हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है. यहां आकर कोई भी खुदको भगवान की शरण से दूर नहीं करना चाहता है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है.
पिथौरागढ़: कैलाश सिर्फ एक स्थान नहीं है. चीन बॉर्डर के करीब नाभीढांग में 17 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद ओम पर्वत हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है. यहां आकर कोई भी खुदको भगवान की शरण से दूर नहीं करना चाहता है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां यूपी के लखीमपुर खीरी की एक लड़की कैलाश यात्रा पर गई, लेकिन अब वो वहां से वापस नहीं लौटना चाहती है. युवती खुद को पार्वती का अवतार बताकर भगवान शिव के साथ विवाह करना चाहती है.
युवती ने नाभीढांग से लौटने के किया मना
यूपी के लखीमपुर खीरी की रहने वाली 28 साल की हरप्रीत कौर के साथ ऐसा हुआ. दरअसल, 23 अप्रैल को हरप्रीत कौर अपनी मां हरविंदर कौर के साथ ओम पर्वत के दर्शन के लिए गई थी. दोनों मां-बेटी को प्रशासन ने 6 मई तक के लिए इनर लाइन पास दिया था. जिसके बाद इनके अनुरोध पर 6 से 24 मई तक के लिए इसकी अवधि बढ़ाई दी गई थी. वहीं, 24 मई की समय सीमा खत्म होने के बावजूद हरप्रीत ने नाभीढांग से लौटने के लिए मना कर दिया.
परिजनों के लाख मनाने पर भी लौटने से इंकार
आपको बता दें कि परिजनों के लाख मनाने के बाद भी जब हरप्रीत ने वापस लौटने से इंकार कर दिया. तब उसकी मां हरविंदर कौर थक हार कर वापस लौट आईं. वहीं, हरप्रीत का कहन है कि वो शिव की धरती से जाना ही नहीं चाहती. इतना ही नहीं वह खुद को देवी पार्वती का अवतार बताकर भगवान शिव से विवाह भी करना चाहती हैं.
इस मामले को लेकर खुफिया तंत्र अलर्ट
आपको बता दें कि सामरिक नजरिए से काफी अहम इस इलाके में बाहरी लोगों को प्रवेश के लिए इनर लाइन पास लेना होता है. जिसकी अवधि सीमित होती है. वहीं, इस मामले के संज्ञान में आने के बाद प्रशासन और खुफिया तंत्र भी अलर्ट मोड में आ गया है. दरअसल, चीन और नेपाल के करीब सटे नाभीढांग इलाके में इस तरह का यह पहला मामला है.
पिथौरागढ़ पुलिस अधीक्षक ने दी जानकारी
इस मामले में पिथौरागढ़ के पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने बताया कि हरप्रीत के दिमागी हालत ठीक नहीं है. पहली बार उसे नीचे लाने का प्रयास सफल नहीं हो पाया है. जिसके बाद फिर से हरप्रीत को वापस नीचे लाने के लिए एक मेडिकल टीम, दो महिला एसआई और दो जवान भेजे गए हैं. फिलहाल, अब ये देखना है कि युवती कैलाश से कब तक वापस लौटती है.
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