लखनऊ: यूपी समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू है. जीएमआर पावर एंड अर्बन इंफ्रा लिमिटेड (जीपीयूआईएल) ने सोमवार को कहा कि उसकी सहायक कंपनी जीएमआर स्मार्ट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन को उत्तर प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने के लिए 7,593 करोड़ रुपये का ठेका मिला है. इस स्मार्ट मीटर परियोजना को भारत सरकार की संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के तहत सुरक्षित किया गया है. कंपनी ने बताया, ''सहायक कंपनी जीएमआर स्मार्ट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को 7,593 करोड़ रुपये का प्रतिष्ठित ठेका मिला है. 


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डीबीएफओओटी (डिजाइन, निर्माण, वित्त, स्वामित्व, परिचालन और हस्तांतरण) मॉडल के तहत मिले ठेके में दो बिजली वितरण कंपनियों- दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीयूवीवीएनएल) में 75.69 लाख प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं.'' 


परियोजना में शामिल हैं 22 जिले
इस परियोजना के दायरे में राज्य के 22 जिले शामिल हैं, जिनमें वाराणसी, प्रयागराज, आगरा, मथुरा और अलीगढ़ प्रमुख हैं.  जीएमआर समूह के चेयरमैन (ऊर्जा) श्रीनिवास बोम्मिडाला ने कहा, ''ये उपलब्धि ग्राहक-केंद्रित वृद्धि रणनीति के साथ हरित और प्रौद्योगिकी-आधारित ऊर्जा व्यवसाय में आगे बढ़ने की जीएमआर की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है.'' उत्तर प्रदेश अब तक 3.09 करोड़ स्मार्ट मीटर स्वीकृत किए जा चुके हैं, इनमें 12 लाख स्थापित भी कर दिए गए हैं.


अक्टूबर 2022 में एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड ने स्मार्ट मीटर नेशनल प्रोग्राम के रूप में यूपी,राजस्थान,हरियाणा,दिल्ली,बिहार और अंडमान में 30 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगाए. कंपनी ने स्मार्ट मीटरों की तैनाती को लेकर इन क्षेत्रों में राज्य नामित एजेंसियों के साथ एमओयू किए.


एक बार स्मार्ट मीटर लगने के बाद आप प्रीपेड तरीके से भी अपना मीटर रिचार्ज कर सकेंगे. माना जा रहा है कि इससे बिजली बिल में हेराफेरी भी कम होगी. स्मार्ट मीटर में छेडछाड़ भी संभव नहीं है. ऐसे में बिजली चोरी रुकने के साथ बिजली का नुकसान भी कम होगा.


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