ग्रेटर नोएडा:  बाइक रेसिंग के प्रशंसकों के लिए खुशखबरी है. सब कुछ ठीक रहा तो भारत में बाइक रेसिंग की शुरुआत 2023 में हो सकती है. दरअसल, इसको लेकर मोटो जीपी के बिजनेस अधिकार धारक डोर्नो और नोएडा स्थित रेस प्रमोटर फ्रेयरस्ट्रीट स्पोर्ट्स के बीच अगले हफ्ते करार पर हस्ताक्षर हो सकते हैं. प्रतियोगिता का आयोजन बुद्ध अंतरराष्ट्रीय सर्किट पर किए जाने की संभावना है. 


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मोटो जीपी के अधिकार करने वाली कंपनी और रेस प्रमोटर के बीच करार पर हस्ताक्षर के बाद ही ट्रैक मोटर स्पोर्ट की शीर्ष स्थान एफआईएच ट्रैक का निरीक्षण करेगी. फेयरस्ट्रीट स्पोर्ट्स के सीओओ पुष्कर नाथ ने पीटीआई को बताया कि उन्होंने इस प्रतिष्ठित रेस के आयोजन के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं.  और उन्होंने इस चीज को भी ध्यान में रखा है कि नौ साल पहले फॉर्मूला वन को लेकर क्या चीजें गलत हुईं थीं.


नाथ ने कहा, भारत दुनिया का सबसे बड़ा दोपहिया वाहन का बाजार है. हर किसी का बाइक से जुड़ाव है. मोटो ग्रां प्री सबसे ज्यादा देखे जाने वाले खेल आयोजनों में से एक है. भारतीय मोटर स्पोर्ट महासंघ एफएमएससीआई के अध्यक्ष अकबर इब्राहिम ने कहा, हमने भारत में रेस के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए हैं कि हम लंबी अवधि के लिए भारत में रेस करा सकें. हम अगले साल भारत में सर्दियों में रेस कराने की कोशिश कर रहे हैं.


उन्होंने कहा, मैंने हाल ही में हमारी वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में उल्लेख किया था कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत चल रही है और हमें भरोसे में लिया गया है. मैंने रेस प्रमोटर के साथ भी बैठक की है. वे जानते हैं कि वे क्या कर रहे हैं और इस स्तर की प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए क्या करने की जरूरत है.


इब्राहिम ने कहा, मुझे उम्मीद है कि डोर्ना और फेयरस्ट्रीट के बीच मास्टर समझौते पर जल्द ही हस्ताक्षर हो जाएंगे और फिर हम ट्रैक के निरीक्षण और रेस के आयोजन पर आगे बढ़ सकते हैं. सरकार का समर्थन यहां महत्वपूर्ण होगा. मोटो जीपी के दौरान सप्ताहांत लगभग 5000 लोग काम करते हैं. जिसमें जूनियर वर्ग में मोटो टू और मोटो थ्री में रेस भी शामिल होती हैं. रेस न केवल उत्तर प्रदेश को वैश्विक मानचित्र पर रखेगी बल्कि पर्यटन को बढ़ावा मिलने की भी उम्मीद है.
 
नाथ ने कहा कि सरकार के समर्थन के बिना रेस संभव नहीं है और वह इस आयोजन को भारत में लाने में मदद के लिए राज्य और केंद्र सरकार दोनों के आभारी हैं. उन्होंने कहा, यह राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी करने जैसा है जिसमें 5000 लोग सिर्फ रेस में काम कर रहे हैं, प्रशंसक और बाकी सभी लोग इससे अलग हैं. राज्य और केंद्र दोनों सरकार काफी मदद कर रही हैं. नाथ ने कहा, वे भारत में पर्यटन को भी बढ़ावा देना चाहते हैं. लोग यूरोप और दुनिया के अन्य हिस्सों से आएंगे और इसका 200 देशों में सीधा प्रसारण किया जाएगा.