विनय सिंह/गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में उस समय हड़कंप मच गया, जब सोमवार देर रात को एक दर्जी ने दो बेटियों के साथ मौत को गले लगा लिया. स्थानीय लोगों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों शवों को नीचे उतरवाया. साथ ही पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. घटना की वजह आर्थिक तंगी बताई जा रही है. 


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दो साल पहले पत्नी की हो गई थी मौत 
घोसीपुरवा निवासी 45 वर्षीय जितेंद्र श्रीवास्तव सोमवार की रात में भोजन करने के बाद अपने कमरे में सो गया था.उसकी दो बेटियां 16 वर्षीया मान्या और 14 वर्षीया मानवी दूसरे कमरे में सोई थीं.सुबह जितेंद्र के पिता ओमप्रकाश श्रीवास्तव जो गार्ड की नौकरी कर घर पहुंचे.उन्होंने दरवाजा खटखटाया तो अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई. काफी देर तक आवाज लगाने के बाद भी प्रतिक्रिया न होने पर वह घबरा गए. इसके बाद उन्होंने पड़ोसियों को बुलाया. दरवाजा खोला तो अंदर कमरे में जितेंद्र का शव छत की कुंडी से लटक रहा था.यह देख ओमप्रकाश चीख पड़े.वह भागकर दूसरे कमरे की तरफ गए.दूसरे कमरे का हाल देखकर वह बेसुध हो गए. अंदर मान्या और मानवी का भी शव छत की कुंडी से लटक रहा था.


घटना की वजह आर्थिक तंगी बताई जा रही है. जितेंद्र श्रीवास्तव की हादसे में एक पैर कट गया था. वह कुत्रिम पैर लगाकर दर्जी का काम करते थे.उससे जो कमाई होती थी. उससे घर का खर्च चलता था. दो साल पहले उनकी पत्नी की कैंसर से मौत हो गई थी. दोनों बच्चियों की पांच-पांच महीने की स्कूल फीस बकाया थी. दोनों छात्राएं पढ़ने में भी अच्छी थीं. बच्चियों के पढ़ाई में ठीक होने की वजह से स्कूल प्रबंधन की ओर से फीस को लेकर कोई दबाव नहीं बनाया जाता था.


सूचना पर शाहपुर पुलिस के साथ एसपी सिटी मौके पर पहुंच गए. पुलिस ने जांच पड़ताल करने के बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. घर से मिले दो मोबाइल फोन और सुसाइड नोट की पुलिस जांच कर रही है.