Govardhan Puja 2022: इस साल दिवाली के अगले दिन नहीं होगी गोवर्धन पूजा, टूटेगी परंपरा,जानें पूजा की नई तारीख और शुभ मुहूर्त
Govardhan Puja 2022: सूर्य ग्रहण के कारण इस बार गोवर्धन पूजा की तारीख बदल गई है...इस बार दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा नहीं होगी. आइए जानते हैं गोवर्धन पूजा की नई तारीख और मुहूर्त.
Govardhan Puja 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह की अमावस्या तिथि के दिन दीपावली का त्योहार मनाया जाता है. इसके दूसरे दिन गोवर्धन पूजा होती है और फिर अगले दिन भैया दूज का त्योहार आता है. लेकिन इस बार इन सभी त्योहारों की तारीख में बड़ा फेरबदल हुआ है. दरअसल इस साल, दिवाली के एक दिन बाद 25 अक्टूबर को आंशिक सूर्य ग्रहण (आंशिक सूर्य ग्रहण) के कारण गोवर्धन पूजा में एक दिन की देरी होगी. 25 अक्टूबर को साल का आखिरी सूर्य लगने जा रहा है. आइए जानते हैं अब किस दिन होगी गोवर्धन पूजा और क्या है शुभ मुहूर्त.
जानें क्यों करते हैं गोवर्धन पूजा!
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, त्रेतायुग में भगवान इंद्र ने बृजवासियों से नाराज होकर खूब मूसलाधार बारिश की थी. सब गांव वाले कान्हा के पास मदद मांगने के लिए गए थे. उस समय भगवान श्रीकृष्ण ने छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर बृजवासियों को बचाया था. पर्वत के नीचे भगवान श्रीकृष्ण ने सभी को सुरक्षा दी थी. तभी से भगवान श्रीकृष्ण को गोवर्धन के रूप में पूजा जाता है.
एक ही दिन मनेगा भाई दूज और गोवर्धन पूजा
इस साल दिवाली 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी। दिवाली के 5 शुभ दिनों का उत्सव 22 अक्टूबर से धनतेरस के साथ शुरू होता है और उसके बाद काली चौदस होता है। छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली 24 अक्टूबर को एक ही दिन मनाई जाएगी जबकि गोवर्धन पूजा और भाई दूज 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा.
गोवर्धन पूजा के लिए पूजा का समय
गोवर्धन पूजा तिथि
26 अक्टूबर 2022, बुधवार
गोवर्धन पूजा-मुहूर्त
26 अक्टूबर 2022, सुबह29 बजे से सुबह 08.43 तक
गोवर्धन पूजा अवधि
02 घंटे 14 मिनट
प्रतिपदा तिथि आरंभ
25 अक्टूबर 2022, दोपहर18 बजे से
प्रतिपदा तिथि समाप्त
26 अक्टूबर 2022, दोपहर42 बजे तक
गोवर्धन पूजा विधि
गोवर्धन पूजा (Govardhan puja 2022) के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करने निवृत हो जाएं. इसके बाद शुभ मुहू्र्त में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं. फिर गाय, बछड़े आदि की आकृति भी बनाएं. इसके बाद धूप-दीप इत्यादि से विधिवत पूजन करें. भगवान कृष्ण को दूध से अभिषेक करें और उनका पूजन करें. इसके बाद अन्नकूट का भोग लगाएं. पूजन के दौरान देवता को दीपक, फूल, फल, दीप और भोग अर्पित करें. अंत में श्रीकृष्ण की आरती करते हुए पूजन का समापन करें और प्रसाद वितरण करें.
कब शुरू होगा सूर्य ग्रहण
भारत में शाम 4 बजे से ग्रहण शुरू हो रहा है, इसलिए इस बार इसका सूतक काल 25 तारीख को तड़के ही शुरु हो जाएगा, जिस वजह से इस दिन कोई पूजा पाठ आदि नहीं किया जाएगा। मंदिरों के द्वार बंद हो जाएंगे.
इन हिस्सों में दिखाई देगा सूर्य ग्रहण
ये सूर्य ग्रहण देश के कई हिस्सों से दिखाई देगा. कुछ भारतीय शहर जहां से आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा, वे हैं नई दिल्ली, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, उज्जैन, वाराणसी और मथुरा.
सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल की शुरुआत होती है. ऐसे में तमाम देवालय और मंदिर बंद होते है, जिसके कारण इस बार देवालयों में दीपावली के दूसरे दिन नहीं, बल्कि तीसरे दिन देवालयों में अन्नकूट महोत्सव मनाया जाएगा.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.