अरविंद मिश्रा/लखनऊ : यदि आप कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं और इंटर्नशिप के मौके की तलाश में हैं तो आपके लिए अच्छा अवसर है. उत्तरप्रदेश के नगरीय निकायों में अब छात्रों को इंटर्नशिप का मौका मिलेगा. यहां स्वच्छ भारत, स्मार्ट सिटी मिशन, पर्यावरण, वेस्ट टू वेल्थ प्रोग्राम और ग्रीन एनर्जी जैसे सेक्टर में स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल नॉलेज का मौका दिया जाएगा. प्राविधिक शिक्षा व उच्च शिक्षा विभाग के माध्यम से सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को इससे जोड़ा गया है. एसीएस उच्च शिक्षा व प्राविधिक शिक्षा को इससे संबंधित पत्र भेजा जा चुका है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यहां करें अप्लाई


नगरीय निकाय निदेशालय द्वारा इसे लेकर सभी निकायों को निर्देशित किया गया है कि वह ट्यूलिप प्रोग्राम को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए नजदीकी कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी से समन्वय स्थापित करें. इससे अधिक से अधिक छात्र इस कार्यक्रम से जुड़ सकें. द अर्बन लर्निंग इंटर्नशिप प्रोग्राम (ट्यूलिप) के अंतर्गत युवाओं को म्युनिशिपल कॉर्पोरेशन, शहरी विकास प्राधिकरणों और नगर पालिकाओं में ट्रेनिंग का मौका मिलेगा. इसके लिए स्टूडेंट को Internship.aicte-india.org पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. नगर विकास विभाग नगरीय शिक्षण इंटर्नशिप कार्यक्रम ट्यूलिप में प्रशिक्षण का मौका देगा. यूपी में लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, प्रयागराज, आगरा,बरेली, झांसी, सहारनपुर,अलीगढ़ और मुरादाबाद को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है.


क्या है ट्यूलिप प्रोग्राम
ट्यूलिप प्रोग्राम (TULIP) के तहत युवाओं को भविष्य के शहरों को समावेशी रूप देने में जहां उनकी क्षमता का उपयोग किया जाता है, वहीं उन्हें नगरीय निकाय में होने वाले कार्यों का व्यावहारिक अनुभव मिलता है. ट्यूलिप प्रोग्राम केंद्रीय आवासन, शहरी कार्य मंत्रालय एवं ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है. राज्य स्तर पर इस कार्यक्रम को शहरी विकास मंत्रालय व उसके विभाग क्रियान्वित करते हैं. इस कार्यक्रम का एक अहम उद्देश्य स्मार्ट सिटी परियोजनाओं को सफल बनाना है. 
शहरों के विकास में युवाओं की बढ़ेगी भूमिका
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर (NIUA) के डायरेक्टर हितेश वैद्य के मुताबिक ट्यूलिप जैसे प्रोग्राम के जरिए यंग टैलेंट को शहरों के विकास कार्यक्रम से जोड़ा जाता है. युवा स्कूल और कॉलेज में सामान्यत: थ्योरी पर जोर देते हैं, लेकिन यहां उन्हें प्रैक्टिकल नॉलेज मिलता है. उदाहरण के लिए किसी शहर में मास्टर प्लान,इलेक्ट्रिक व्हीकल जोन, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्रीन स्पेस तैयार करना है, ऐसे में स्टूडेंट्स इनोवेशन और आइडिया साझा करते हैं. हितेश वैद्य कहते हैं कि एनआईयूए ट्यूलिप प्रोग्राम के क्रियान्वयन में एक नॉलेज पार्टनर है. संस्थान द्वारा स्मार्ट सिटी के 75 प्रोजेक्ट तय किए गए हैं, जिनमें यंग ग्रेजुएट्स को शामिल किया जाता है. ये स्टूडेंट देखते हैं कि उन्हें दिए गए प्रोजेक्ट अपने उद्देश्य को पूरा कर रहे हैं या नहीं. वह स्कीमक के क्रियान्वय के अच्छे अनुभवों के साथ कमियों को भी फीडबैक में शामिल करते हैं.


ट्यूलिप के 6 स्तंभ और उनकी भूमिका
आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय : पूरे कार्यक्रम के लिए गाइडलाइंस जारी करना, प्रबंधन एवं कैपिसिटी बिल्डिंग
राज्य व केंद्र शासित प्रदेश : योजना का क्रियान्वयन
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE): डिजिटल सुविधाएं मुहैया कराना.
नगरीय निकाय/स्मार्ट सिटी : स्थानीय जरूरत को देखते हुए कार्यक्रम तैयार करना.
स्टूडेंड/ग्रेजुएट्स : नगर निगम और नगर पालिकाओं से जुड़कर व्यावहारिक प्रशिक्षण हासिल करना.
अर्बन इकोसिस्टम : शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर की जरुरत के मुताबिक यंग प्रोफेशनल तैयार करना


स्टूडेंट के लिए फैलोशिप प्रोग्राम भी शुरू
एनआईयूए के डायरेक्टर हितेश वैद्य के मुताबिक ट्यूलिप प्रोग्राम की तर्ज पर ही शहरी विकास के क्षेत्र में काम करने के इच्छुक युवाओं के लिए स्मार्ट सिटीज एंड एकेडमिया टूअर्ड एक्शन एंड रिसर्च (SAAR) प्रोग्राम शुरू किया गया है. NIUA ने स्टूडेंट्स के लिए नेशनल अर्बन डिजिटल मिशनल फैलोशीप प्रोग्राम भी शुरू किया है. यह उत्तरप्रदेश जैसे उन राज्यों को सहयोग करता है जहां स्टेट अर्बन डिजिटल मिशन शुरू किए गए हैं. हर राज्य में केंद्र से दो स्टूडेंट भेजे जाते हैं, जो राज्य को डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में मदद करते हैं. 


क्लाइमेट प्रैक्टिस इंडिया नेटवर्क में भी मौके : जुलाई 2021 में शुरू यह प्रोग्राम शहरों के पर्यावरण को टिकाऊ बनाने में मददगार है. इस नेटवर्क में 18 साल से अधिक उम्र का कोई भी स्टूडेंट शामिल हो सकता है. https://niua.in/c-cube/climate-practitioners-india-network पर स्टूडेंट रजिस्ट कर इस प्रोग्राम से जुड़ सकते हैं. यह नेटवर्क युवाओं को सर्कुलर इकोनॉमी, अक्षय ऊर्जा, जैव विविधता, आपदा प्रबंधन, क्लाइमेट एक्शन प्लान, एनर्जी स्टोरेज, एयर पॉल्यूशन, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट जैसे क्षेत्र में काम करने का अवसर देता है.


WATCH:  विधान परिषद चुनाव 2023 में बजा बीजेपी का डंका