अंकित मिश्रा/ नोएडा : ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में नियुक्ति घोटाला (Greater Noida Authority Job Scam) सामने आया है. यहां अधिकारियों पर अपने ही बेटे-बेटियों और रिश्तेदारों को नौकरियां बांटने का भंडाफोड़ हुआ है.शिकायत के बाद हुई जांच में ये मामला खुल कर सामने आया है. ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने मामले का संज्ञान लिया है. जानकारी के मुताबिक, संविदा पर हुई नियुक्तियों में ये गड़बड़झाला का खुलासा हुआ है. भर्ती में अनियमितताओं के बाद ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने जांच के आदेश दिए हैं. इस भर्ती घोटाले में क्लर्क से लेकर असिस्टेंट मैनेजर तक के शामिल होने के संकेत मिले हैं. ग्रेटर नोएडा ACEO अमन ढुल ने भर्ती घोटाले का संज्ञान लेते हुए दोषी अधिकारियों को चिन्हित करने के आदेश दिए गए हैं.जल्द जांच कर दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है. 


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वहीं नोएडा में राष्ट्रीय हरित अधिकरण एनजीटी (NGT) के नियमों के उल्लंघन पर रियल्टी कंपनी के निदेशकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. मेसर्स सुपरटेक (Supertech) लिमिटेड निदेशक आरके अरोड़ा और मेसर्स लॉजिक इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड निदेशक दिलीप कुमार और हेमंत शर्मा के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. नोएडा प्राधिकरण के सहायक प्रबंधक नियोजन एयू फारुख की शिकायत पर केस दर्ज हुआ है. 


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सेक्टर 142 थाने में शोधित जल की गुणवत्ता एनजीटी के नियमों के अनुरूप ना होने पर केस दर्ज हुआ है. तीनों निदेशकों पर आईपीसी की धारा 269, 270 और 271 के अंतर्गत अलग-अलग दो केस दर्ज हुए हैं. शिकायत में फारुख ने कहा कि एनजीटी ने नोएडा क्षेत्र में स्थापित हाई राइज ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं में एसटीपी की क्रियाशीलता के संबंध में जांच के निर्देश दिए गए हैं. परियोजना के संयुक्त निरीक्षण में पाया गया कि यहां एसटीपी क्रिया शैली है लेकिन शोधित जल की गुणवत्ता एनजीटी मानकों के अनुरूप नहीं है.


 


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