ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh )  में अपराध और करप्शन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर काम किया जा रहा है. इसी को लेकर योगी सरकार लगातार एक्शन ले रही है. आपको बता दें कि करप्शन और घोटालों का सहारा लेकर नौकरी पाने वालें कर्मचारियों पर गाज गिरी है. मामला ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण का है. दरअसल, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण (Greater Noida Authority) में अपने रिश्तेदारों और फर्जीवाड़े के दम पर नौकरियां हासिल करने वाले 49 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है. आइए बताते हैं पूरा मामला.


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मुख्य कार्यपालक अधिकारी की रिपोर्ट आने के बाद सभी पर गिरी गाज 
आपको बता दें कि अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रेरणा शर्मा की रिपोर्ट आने के बाद सभी पर गाज गिरी है. इनमें प्राधिकरण में कार्यरत अफसरों के रिश्तेदार, नेताओं और प्राधिकरण के लिए काम करने वाली एजेंसियों के रिश्तेदार भी शामिल हैं. दरअसल, इस मामले की शिकायत शिकायतकर्ताओं ने पीएम और सीएम के दफ्तर तक पहुंचाई. इसके बाद प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचने वाले शिकायतकर्ताओं को कामयाबी मिली है. जानकारी के मुताबिक शिकायत करने वाले लोगों को इन तमाम लोगों ने तरह-तरह से परेशान करने की कोशिश की थी.


जानिए क्या है मामला
दरअसल, बादलपुर गांव के रहने वाले राजेंद्र सिंह ने करीब 4 महीने पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र भेजा था. उनके अलावा मेरठ के रहने वाले नीलकमल ने प्रधानमंत्री कार्यालय से मामले की शिकायत की थी. वहीं, प्राधिकरण में नौकरी के लिए आवेदन करने वाले युवक आकाश त्यागी ने भी मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत की थी. इस मामले में राजेंद्र सिंह ने बताया था कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में 70 लोगों को अवैध रूप से भर्ती किया गया है. इनमें 35 लोगों की भर्ती प्लेसमेंट पर एजेंसियों के माध्यम से की गई है. साथ ही 35 अन्य लोगों की भर्ती संविदा के आधार पर की गई है.