Guru Asta 2023: इस तारीख को अस्त हो रहे हैं देवगुरु बृहस्पति, इन राशियों के लिए खतरे की घंटी
Guru Asta 2023:वैदिक ज्योतिष के अनुसार, हर ग्रह उदय और अस्त होते रहते हैं. इनका असर सभी 12 राशियों पर पड़ता है. देवगुरु बृहस्पति उदय होने जा रहे हैं. इससे हंस राजयोग का निर्माण होगा. गुरु के अस्त होने से जिससे कुछ राशियों पर निगेटिव इफेक्ट पड़ेगा. जब गुरु अस्त हो जाते हैं तो इनका असर मांगलिक कामों पर भी पड़ता है.
Guru Asta 2023: गुरु बृहस्पति जिन्हें देवताओं का गुरु कहा जाता है. वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति सबसे अच्छी दृष्टि वाला ग्रह माना जाता है. किसी भी ग्रह के अस्त या उदित होने से व्यक्ति के जीवन और देश-दुनिया पर गहरा असर पड़ता है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, देवगुरु के अस्त होने से मांगलिक कार्यों पर भी रोक लग जाती है. यहां पर जानते हैं कि गुरु बृहस्पति के अस्त होने से किन जातकों को सावधान रहना होगा.
पंचाग के मुताबिक देवगुरु बृहस्पति 1 अप्रैल 2023 को शाम 07 बजकर 12 पर मीन राशि में अस्त होने जा रहे हैं. उसके बाद देवगुरु बृहस्पति मई के पहले सप्ताह में मेष राशि में उदित होंगे. गुरु के अस्त होने से जिससे कुछ राशियों पर निगेटिव इफेक्ट पड़ेगा. जब गुरु अस्त हो जाते हैं तो इनका असर मांगलिक कामों पर भी पड़ता है. यहां पर जानते हैं कि गुरु बृहस्पति के अस्त होने से किन जातकों को सावधान रहना होगा.
मेष राशि: इन जातकों के लिए बृहस्पति नौवें और बारहवें भाव का स्वामी है. इस राशि के जातकों को थोड़ा संभलकर चलने और सतर्क रहने की सलाह दी गई है. इन जातकों की कड़ी मेहनत के बाद भी इनको अपनों का साथ नहीं मिलेगा. आप काम के सिलसिले में बाहर भेजे जा सकते हैं. जिसके चलते आप चिड़चिड़ा सकते हैं.
वृषभ राशि: वृषभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति आठवें और ग्यारहवें भाव का स्वामी है. इस राशि के जातकों को अपने प्रयासों में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है. ऑफिस में कुछ परेशानियां हो सकती है, जिनपर आप विजय पा लेंगे. पर्सनल लाइफ किसी के साथ डिस्कस न करें.
मिथुन राशि: के जातकों के लिए बृहस्पति सातवें और दसवें भाव का स्वामी है. पेशेवर रूप से इस राशि के जातकों के लिए करियर में प्रगति संभव है. यदि आप साझेदारी में व्यापार कर रहे हैं तो इस अवधि में साझेदार के साथ संबंध में कुछ समस्याएं आ सकती हैं, जिसका असर आपके व्यापार पर भी पड़ेगा.
कर्क राशि: के जातकों के लिए बृहस्पति छठे और नौवें भाव का स्वामी है. इस अवधि में कर्क राशि वालों को कार्यों में कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है. आप छोटे कार्यों को पूरा करने में भी अधिक समय ले सकते हैं.
सिंह राशि के जातकों के लिए बृहस्पति पांचवें और आठवें भाव का स्वामी है. इन जातकों की समाज में प्रतिष्ठा खराब हो सकती है. इस राशि के जातकों के मित्रों व प्रियजनों के साथ संबंध खराब हो सकते हैं. साथ ही आपकी छवि पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है. परिवार में कुछ विवाद हो सकता है.
कन्या राशि: कन्या राशि के लोगों के लिए बृहस्पति चौथे और सातवें भाव का स्वामी है. नौकरी में बदलाव होने की भी संभावना अधिक है. बिजनेस कर रहे लोगों को हानि होसकती है, सोचसमझ कर चलें. सेहत का ख्याल रखें.
तुला राशि: इन जातकों के लिए बृहस्पति तीसरे और छठे भाव का स्वामी है.बिजनेस में लाभ हो सकता है. मेहनत करें, छात्रों के लिए ठीक है ये समय. सेहत का ख्याल रहें. परिवार के साथ कहीं बाहर घूमने की प्लानिंग कर सकते तहैं.
वृश्चिक राशि: के जातकों के लिए बृहस्पति दूसरे और पांचवें भाव का स्वामी है. इस दौरान आपको आर्थिक समस्याओं से भी गुज़रना पड़ सकता है. पेशेवर रूप से कार्यस्थल पर आपको कुछ समस्याएं जैसे कि आपके काम की सराहना न किया जाना, सहकर्मियों का अधिक सहयोग न मिलना आदि का सामना करना पड़ सकता है.
धनु राशि: के जातकों के लिए बृहस्पति प्रथम/लग्न और चौथे भाव का स्वामी है. देवगुरु बृहस्पति के अस्त होने से आपको धीमी गति से परिणाम प्राप्त होंगे. नौकरी छूटने जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही किसी कारणवश मौजूदा कार्यस्थल पर आपकी प्रतिष्ठा प्रभावित हो सकती है.
मकर राशि: इन जातकों के लिए बृहस्पति तीसरे और बारहवें भाव का स्वामी है. इसके चलते परिवार में परेशानियां आएंगी, झगड़े भी होंगे जो बड़ा रूप ले सकते हैं. निजी जीवन में कुछ मतभेदों का सामना पड़ सकता है. नौकरी में आप जिस चीज़ की उम्मीद लगाए बैठे हों, वह आपको न मिले. नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को अभी निराशा मिलेगी.
कुंभ राशि: इन जातकों के लिए गुरु दूसरे और 11वें भाव का स्वामी है. इसके कारण आपको अपने जीवन में कुछ असफलताओं और अचानक बदलावों का सामना करना पड़ सकता है. इस दौरान आपके सामने कुछ ऐसी समस्याएं आ सकती हैं, जिसकी आपको उम्मीद भी नहीं होगी. नौकरी पेशा हैं तो बदलाव हो सकता है. सेहत से जुड़ी दिक्कत भी हो सकती है.
मीन राशि: मीन राशि के लोगों के लिए गुरु प्रथम और दशम भाव का स्वामी है. आपको काम का प्रेशर रह सकता है. बिजनेस में नुकसान भी हो सकता है. नया बिजनेस करने का अभी न सोचें, अच्छा समय आएगा. परिवार में किसी बात को लेकर विवाद हो सकता है.
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