वाराणसी: वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिविजन) को धमकी दिए जाने के मामले में गुरुवार को केस दर्ज हो गया. यह मुकदमा अज्ञात के खिलाफ कैंट थाने में दर्ज हुआ. 7 मई को जज रवि कुमार दिवाकर को दिल्ली से इस्लामिक आगाज मूवमेंट के अध्यक्ष काशिफ अहमद सिद्दकी के नाम से पत्र आया था. जिसमें धमकी के साथ आपत्तिजनक बातें लिखी गई थी. सिविल जज को धमकी भरा पत्र मिलने के बाद वाराणसी कमिश्नरेट में हड़कंप मच गया था. हालांकि, अभी तक धमकी देने वाला पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. 


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बढ़ाई गई जज की सुरक्षा 
बता दें कि जज रवि कुमार दिवाकर के आदेश पर ही ज्ञानवापी में सर्वे कमीशन की कार्यवाही की गई थी. फैसले के बाद उन्‍होंने खुद को इस प्रकरण को लेकर परिवार में चिंता की बात भी कही थी. धमकी मिलने के बाद उनकी सुरक्षा को लेकर शासन स्‍तर से जांच करने के साथ ही कार्रवाई भी शुरू कर दी गई. धमकी भरा पत्र मिलने के बाद ही उनके लखनऊ और वाराणसी के आवास की सुरक्षा में नौ अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर दी गई थी.  


डीसीपी वरुणा जोन कर रहे हैं मामले की जांच 
वहीं, धमकी मिलने के बाद सिविल जज ने जिला जज द्वारा अपर मुख्य सचिव गृह समेत पुलिस महानिदेशक व पुलिस कमिश्नर को पत्र भी भेजा था. जिसमें धमकी भरे पत्र को भी अटैच किया गया था. इस मामले की जांच डीसीपी वरुणा जोन आदित्य लांग्हे कर रहे हैं. इसके साथ ही क्राइम ब्रांच व कैंट थाने की पुलिस को भी जांच के लिए लगाया गया है.


जज ने एक महीने पहले जताई थी सुरक्षा की चिंता
गौरतलब है कि सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर ने महीने भर पहले ही अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी. उन्‍होंने इस लिखा था कि एक साधारण मामले को असाधारण बनाकर डर का माहौल बनाया गया है. डर इतना है कि मेरे परिवार को और मुझे परिवार की चिंता बनी रहती है. घर से बाहर होने पर बार-बार पत्नी मेरी सुरक्षा के लिए चिंतित रहती है. मां ने भी मेरी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की थी, जब उन्हें पता चला था कि मैं कमिश्नर के रूप में ज्ञानवापी जा रहा हूं. वहां मेरी सुरक्षा को खतरा हो सकता है. 


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