जयपाल/वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में कोर्ट की सुनवाई के बीच एक और नया मामला सामने आ गया है. प्लेसेज ऑफ वर्शिप (स्पेशल प्रोविजंस) एक्ट 1991 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. स्वामी जितेंद्रानंद ने इस एक्ट के खिलाफ देश के सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की है. इसके साथ ही कोर्ट में विश्वेश्वर महादेव की पूजा करने की अनुमति की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि यह धर्मनिरपेक्षता और कानून का उल्लंघन करती है.इसके अलावा ज्ञानवापी मामले में एक नई याचिका कोर्ट में दायर की है. इस याचिका में मस्जिद के गुम्बद को ध्वस्त करने की मांग की गई है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

माफिया मुख्तार अंसारी के परिवार पर कसा ED का शिकंजा, दिन हो या रात उमर अंसारी की लग रही क्लास


स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने दाखिल की अर्जी
अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती का कहना है कि इस एक्ट के जरिए हमें हमारे धार्मिक स्थलों को सुरक्षित करने में बाधा पहुंच रही है. अतः इस एक्ट की धाराओं को हम संत समिति के लोग कोर्ट के दायरे में रहकर चैलेंज करते हैं.


हमारी संस्कृति को किया जा रहा नष्ट-स्वामी जितेंद्रानंद
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि भारतीय संविधान में धर्म स्वतंत्रता के मूल अधिकारों के अंतर्गत एक ऐसा विधेयक लाया गया है, जिसके द्वारा हमारे मंदिर जोकि आजादी के पहले की स्थिति में थे उन्हें पुनः प्राप्त करने हेतु हमें स्वंतत्रता ही नहीं मिल रही. स्पेशल प्रोविजन एक्ट (वॉरशिप एक्ट 1991) जोकि अभी की व्यवस्था में लागू है, इसे हमने आज सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया है, इसकी धाराओं को चैलेंज किया है. ये एक्ट उसी तरह का है जिसमें यह कहावत चरितार्थ होती है कि ( जबरा मारे, रोवे न दे). उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति, हमारी सभ्यता सभी को नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है और हम इसकी शिकायत भी न करें.


यूपी-उत्तराखंड की इन बड़ी खबरों पर बनी रहेगी नजर, एक क्लिक पर पढ़ें 25 मई के बड़े समाचार


Weekly Horoscope: कन्या राशि के लोग भावनाओं पर नियंत्रण रखें, मिथुन-कर्क को धनलाभ के संकेत,जानें कैसा रहेगा ये हफ्ता


WATCH LIVE TV