Haldwani Violence: उत्तराखंड का हल्द्वानी शहर सुर्खियों में है, वजह है 8 फरवरी को यहां हुआ बवाल. इंदिरा नगर के बनभूलपुरा इलाके में अवैध कब्‍जा कर बने मदरसे को हटाने पहुंची टीम पर स्थानीय लोगों ने पथराव कर दिया. हिंसा में चार की मौत हुई है जबकि दो दर्जन से ज्यादा पुलिस कर्मी घायल हुए हैं. जिले की कमान डीएम वंदना सिंह के हाथों में है. उनकी सूझबूझ के चलते हिंसा को फैलने से रोका जा सका. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घटना के बारे में बताया है. आईएएस वंदना सिंह की गिनती सख्त अधिकारियों में होती है. नैनीताल में  तैनाती के दौरान पहले भी उन्होंने अतिक्रमणकारियों पर कड़ी कार्रवाई की थी. 


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उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुई हिंसा एक सुनियोजित साजिश थी और उपद्रवियों ने बड़े पैमाने पर खूनखराबे का प्लान रचा था, लेकिन पुलिस प्रशासन की समझ बूझ से हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में अवैध मदरसे को हटाने के मसले पर हुई हिंसा को दूसरे इलाके में फैलने नहीं दिया गया. ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के वक्त जब पुलिस पर पथराव होना शुरू हुआ, तब भी पुलिस ने किसी भी प्रकार का बलप्रयोग नहीं किया. एक बार  सामने आई भीड़ को पीछे कर दिया.


फिर जब दोबारा अंधेरा होते ही पेट्रोल बम से आगजनी और हथियारों से गोलीबारी हुई तो प्रशासन ने तुरंत ही कर्फ्यू लगा दिया. इंटरनेट बंद कर दिया. गांधीनगर इलाके में भी उपद्रवियों ने घरों को निशाना बनाया. अर्धसैनिक बलों की कंपनियों को वहां तैनात कर दिया. हल्द्वानी शहर में जनता और प्रमुख लोगों से बातचीत की गई, ताकि हिंसा दूसरे इलाकों में नहीं फैले.


हरियाणा की रहने वाली हैं IAS वंदना सिंह
आईएएस वंदना सिंह हरियाण जिले के नसरुल्लागढ़ की रहने वाली हैं. उनकी शुरुआती पढ़ाई मुरादाबाद के पास गुरुकुल में हुई. 12वीं पास करने के बाद उन्होंने लॉ किया. इसी दौरान उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. उन्होंने कोचिंग की जगह सेल्फ स्टडी की. सिविल सर्विस की तैयारी के लिए वह रोजाना करीब 12 से 14 पढ़ाई की. वंदना सिंह चौहान ने पहले प्रयास में ही सफलता हासिल की. 2012 में वंदना सिंह चौहान ने  8वीं रैंक हासिल कर आईएएस बनने का सपना पूरा किया. 


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नैनीताल से पहले भी संभाल चुकी हैं कई जिलों की कमान
 IAS वंदना सिंह चौहान नैनाताल, रुद्रप्रयाग और अल्मोड़ा जिलाधिकारी का पद संभाल चुकी हैं.इसके अलावा  पिथौरागढ़ की पहली महिला मुख्या विकास अधिकारी भी रह चुकी हैं.  वह बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ अभियान की ब्रांड एंबेसडर भी रही थीं.  IAS वंदना सिंह चौहान सोशल मीडिया पर भी सुर्खियों में रहती हैं. खासकर यूपीएससी में मिली कामयाबी चलते कई युवा उसने प्रेरणा लेते हैं. 


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