आशीष द्विवेदी/हरदोई: यूपी के हरदोई में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां आरोप है कि चंद रुपयों के लालच में आशा बहुओं ने बरगला कर फर्जी नर्सिंग होम में गर्भवती महिला को भर्ती कराया. इलाज के अभाव में गर्भवती महिला की मौत हो गई. जिसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतका के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा.आशा बहुओं और फर्जी नर्सिंग होम संचालक के गठजोड़ का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमा अब अस्पताल को सील करने की तैयारी में जुटा है.


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जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल लाइन पुरवा के रहने वाले सुमन कश्यप ने अपनी बेटी माधुरी कश्यप (25) पत्नी कौशल कश्यप निवासी गांव बिरौरी थाना शाहाबाद को प्रसव पीड़ा होने पर जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया था. सुमन कश्यप का आरोप है कि देर रात में वह बेटी को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराने के बाद घर वापस आ गए थे. जिसके बाद आशा बहू मीना और शशि ने जिला महिला अस्पताल में ऑपरेशन ना हो पाने का डर दिखाया और सीडीओ बंगले के ठीक सामने निजी अस्पताल एवन हॉस्पिटल में ऑपरेशन कराने की बात कही. 


'मरी हुई बेटी को कर दिया लखनऊ रेफर'
उन्हें बरगला कर आशा बहुओं ने उनकी बेटी को महिला अस्पताल से रेफर कराकर फर्जी नर्सिंग होम एवन हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया. जहां काफी देर तक आशा बहुएं डॉक्टर के आने की बात कहती रही लेकिन डॉक्टर नहीं आए और एक नाबालिग लड़का इंजेक्शन लगाता रहा. उनकी बेटी की उपचार के अभाव में मौत हो गई. जिसके बाद मौके पर मौजूद स्टाफ ने बेटी की हालत खराब बताते हुए मरी हुई उनकी बेटी को लखनऊ रेफर कर दिया. शहर के दूसरे नर्सिंग होम में उन्होंने जब बेटी को दिखाया तो डॉक्टर ने उनकी बेटी को मृत घोषित कर दिया. घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया. 


अस्पताल होगा सील,दोषियों के खिलाफ दर्ज होगा मुकदमा - डिप्टी सीएमओ
शिकायत के बाद निजी अस्पताल की जांच करने पहुंचे डिप्टी सीएमओ डॉक्टर पंकज मिश्रा जब अस्पताल पहुंचे तो दंग रह गए,घटना के बाद सभी अस्पताल कर्मी फरार हो गए थे. डिप्टी सीएमओ के मुताबिक अस्पताल में तीन पेशेंट भर्ती हैं. जिन्हें जिला महिला अस्पताल से आशा बहुओं के जरिए लाकर भर्ती कराया गया है. हॉस्पिटल के लाइसेंस के लिए आवेदन किया गया था लेकिन इनके आवेदन में त्रुटियां पाए जाने की वजह से इनके आवेदन को भी निरस्त कर दिया गया था. यह नर्सिंग होम फर्जी है. ऐसे में मरीजों को जिला महिला अस्पताल में शिफ्ट कराया जाएगा. अस्पताल को सील करने की कार्रवाई की जाएगी और दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा.


फर्जी नर्सिंग होम संचालक और आशा बहुओं का गठजोड़
ग्रामीण इलाकों की गर्भवती महिलाओं को सही उपचार मिल सके, लिहाजा स्वास्थ्य महकमे की ओर से आशा वर्कर महिलाओं को उचित सलाह देती हैं और उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराती हैं. लेकिन चंद रुपयों के लालच में मरीजों को मौत के मुंह में धकेल दिया जाता है. मरीजों को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराने के बाद उपचार सही ना मिलने और जान का खतरा होने का भय दिखाकर कमीशन खोरी के लालच में फर्जी नर्सिंग होम में भेजने की सलाह दी जाती है. जहां मरीजों और उनके तीमारदारों को भारी खर्च उठाना पड़ता है और जान जोखिम में डालनी पड़ती है. जिले में दर्जनों की संख्या में अवैध रूप से निजी अस्पताल संचालित हो रहे हैं, जो स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को प्रदर्शित करते हैं.