Hardoi News: स्वास्थ्य सेवाएं मांग रहीं `इलाज`, मेडिकल कॉलेज में रेडियोलॉजिस्ट नहीं, अल्ट्रासाउंड, मेडिकल एक्सरे बंद
Hardoi News: उत्तर प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक लगातार प्रदेश के अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लेने के बाद इनको बेहतर करने का प्रयास कर रहे हैं. वहीं अभी भी स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति सामने आ रही है. हरदोई जिले में बीते 1 महीने से गंदगी का अंबार और अब रेडियोलॉजिस्ट ना होने की वजह से लोगों को अल्ट्रासाउंड और मेडिकल एक्स-रे कराने को लेकर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
Hardoi News/आशीष द्विवेदी: उत्तर प्रदेश में 2022 में बनी योगी सरकार ने हरदोई जिले से तीन मंत्रियों को मंत्रिमंडल में जगह देकर जिले का मान तो बढ़ाया लेकिन तीन मंत्री होने के बावजूद यहां की स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं. यहां के मेडिकल कालेज में दवाइयों और डॉक्टरों की किल्लत तो पहले से थी. पिछले 1 महीने से गंदगी का अंबार और अब रेडियोलॉजिस्ट ना होने की वजह से लोगों को अल्ट्रासाउंड और मेडिकल एक्स-रे कराने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
हरदोई से वैसे तो डिप्टी सीएम बृजेश पाठक जो खुद स्वास्थ्य मंत्री है, इनके अलावा नितिन अग्रवाल आबकारी मंत्री और रजनी तिवारी उच्च शिक्षा मंत्री को मंत्रिमंडल में जगह देकर योगी सरकार ने जनपद का मान बढ़ाया, लेकिन तीन-तीन मंत्रियों के बाद भी जिले की स्वास्थ्य व्यावस्थाओं में खामियां देखने को मिल रही हैं. बीते लगभग 20 दिनों से स्वास्थ्य महकमे में हुए तबादलों के बाद हरदोई के रेडियोलॉजिस्ट का तबादला हो गया. नतीजतन यहां मेडिकल कॉलेज में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था खत्म हो गई. साथ ही मेडिकल एक्स-रे कराने के लिए लखनऊ के राम मनोहर लोहिया या फिर सीतापुर के सरकारी अस्पताल की तरफ लोगों को रेफर किया जा रहा है.
मारपीट हो या एक्सीडेंट या फायर आर्म इंजरी, सभी तरह के मुकदमों में सरकारी अस्पताल के चिकित्सक की रिपोर्ट ही मान्य होती है. लिहाज़ा मेडिकल पुलिस विभाग कराता है, ऐसे में पुलिस कर्मचारियों को पीड़ित के साथ लखनऊ और सीतापुर के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. जिससे पीड़ित के साथ ही पुलिस महकमे को भी खासी दिक्कत उठानी पड़ती है.
कोतवाली शहर प्रभारी निरीक्षक संजय पांडेय ने बताया कि एक हफ्ता पहले एक लड़की को बरामद किया था, मेडिकल कराने मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो पता चला मेडिकल एक्सरे के लिए या तो लखनऊ के राम मनोहर लोहिया और या फिर सीतापुर के सरकारी अस्पताल जाना होगा. संजय पांडेय ने बताया कि 5 मर्तबा पुलिस कर्मचारी के साथ लड़की को सीतापुर भेजा जा चुका है लेकिन अभी तक मेडिकल नहीं हो सका.
उन्होंने कहा इस अव्यवस्था से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि पुलिस कर्मचारी को दूसरे जनपदों में भेजना पड़ता है. साथ ही आर्थिक खर्च की भी मार झेलनी पड़ रही है. सीएमएस डॉ जेएन तिवारी ने बताया कि लगभग 20 रोज पहले ही शासन को चिट्ठी लिखकर अवगत कराया जा चुका है लेकिन अभी तक कोई भी रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती नहीं की गई है.
Viral Video: इसे कहते है किस्मत का धनी होना, शख्स को मौत छू कर निकल गई