काशी और उज्जैन की तरह बनेगा हरिद्वार कॉरिडोर, योजना से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी
हरिद्वार कॉरिडोर को लेकर उत्तराखंड की धामी सरकार एक्शन मोड में आ गई है. एचआरडीए की बोर्ड मीटिंग में इससे जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है.
हरिद्वार: काशी और उज्जैन की तर्ज पर उत्तराखंड के हरिद्वार में भी भव्य कॉरिडोर बनाने की कवायद शुरू की गई है. हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण द्वारा बोर्ड बैठक कर इसका प्रस्ताव भी पास हो गया है. साधु संतो ने सरकार और प्रशासन की इस पहल का स्वागत किया है. लोगों ने उम्मीद जताई की काशी और उज्जैन की तरह हरिद्वार में बनने जा रहा कॉरिडोर भव्य और दिव्य होगा. दरअसल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन में हरिद्वार में कॉरिडोर निर्माण की पहल शुरू की है. एचआरडीए की बोर्ड बैठक में इसका प्रस्ताव पास हो गया है.
अतिक्रमण हटाए जाने की शुरुआत
हरिद्वार के जिलाधिकारी विनय शंकर के मुताबिक कॉरिडोर निर्माण पर उन्होंने गंभीरता से काम करना शुरू कर दिया है. जल्द ही इसके लिए कंसल्टेंट नियुक्त किया जाएगा. कॉरिडोर निर्माण के लिए पहले हर की पौड़ी क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण को हटाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि इसकी परिधि लगभग 3 किमी होगी. इसमें हरकी पैड़ी को जोड़ने वाले मार्ग शामिल है.
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पूर्व केंद्रीय मंत्री और हरिद्वार सांसद निशंक पोखरियाल निशंक ने बताया कि हिमालय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गहरा लगाव है. उत्तराखंड के चारधामों के साथ ही धर्मनगरी हरिद्वार भी देश की आत्मा के रूप में जानी जाती है. इसलिए उनका विश्वास है कि पीएम मोदी द्वारा काशी उजैन की तर्ज पर हरिद्वार का और भी ज्यादा विकास किया जाएगा.
धर्मनगरी हरिद्वार में कॉरिडोर को लेकर निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने कहा कि काशी उज्जैन की तर्ज पर पीएम मोदी निसंदेह हरिद्वार को भी कॉरिडोर के रूप में एक मूर्त रूप जरूर देंगे.इससे उत्तराखंड में सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक पर्यटन को नई ऊंचाई मिलने की उम्मीद है.
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