सत्यप्रकाश जी/अयोध्या: राम की नगरी में प्राचीन 14 कोसी की परिक्रमा की शुरुआत मंगलवार देर रात से होगी. अक्षय तृतीया के पवित्र नक्षत्र में 12:48 से 14 कोसी की परिक्रमा शुरू होगी. यह 2 नवंबर की रात 10:33 पर समाप्त होगी. राम नगरी की सांस्कृतिक सीमा की प्राचीन 14 कोस की परिक्रमा की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. 45 किलोमीटर लंबे परिक्रमा मार्ग पर श्रद्धा व श्रद्धालुओं की सुविधाओं को विकसित किया गया है. इसके अलावा संपूर्ण परिक्रमा पथ स्थाई तौर पर निर्मित किया गया है. 14 कोसी परिक्रमा मार्ग पर सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई है. मेला क्षेत्र में सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है. इसके साथ ही 14 कोसी परिक्रमा मार्ग के अंदर किसी भी तरीके के वाहनों के संचालन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध है. भारी वाहन चार पहिया वाहनों को जिले में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. लगभग 35 घंटे राम नगरी की सीमा पूर्ण रूप से सील रहेगी.


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ये है धार्मिक मान्यता
14 कोसी परिक्रमा की अपनी अलग धार्मिक मान्यता है. धार्मिक मान्यताओं के आधार पर 14 लोक होते हैं जिसमें सबसे अहम होता है मानव लोक. 14 कोस की परिक्रमा करने से सभी तरीके के लोको से मुक्ति मिलती है. यहां से मोक्ष की प्राप्ति होती है. यानी की जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिलती है. रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास की माने तो इस बार रात 12:48 पर अक्षय तृतीया के पावन मौके पर 14 कोसी परिक्रमा का शुभारंभ होगा. 2 नवंबर को रात 10:33 तक श्रद्धालु परिक्रमा कर सकेंगे. 


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20 लाख श्रद्धालु पहुंचेंगे
जिलाधिकारी नीतीश कुमार के मुताबिक अयोध्या में शुरू हो रहे 14 कोसी परिक्रमा में इस बार 20 लाख से अधिक परिक्रमार्थीयों के शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है जिसको लेकर प्रशासन बड़े स्तर पर तैयारी की है. अधिकारियों की माने तो मजिस्ट्रेट की तैनाती के साथ ही 2000 से अधिक संख्या में पुलिस बल के जवानों को भी तैनात किया गया है. 
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वहीं परिक्रमा मार्ग में पड़ने वाली संवेदनशील क्षेत्रों पर सीसीटीवी कैमरे व ड्रोन कैमरे के माध्यम से निगरानी की जाएगी. साथ ही अयोध्या से जुड़ने वाले लखनऊ से गोरखपुर और अयोध्या से गोंडा नेशनल हाईवे को भी बंद कर दिया गया है. एसएसपी प्रशांत वर्मा के मुताबिक इन मार्गो पर आने वाले बड़े वाहन को डायवर्ट करते हुए यात्रियों की सुविधाओं के लिए पुलिस और मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है. वहीं इस परिक्रमा में शामिल होने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी परिक्रमा क्षेत्र के बाहर कई स्थानों पर पार्किंग और रुकने की व्यवस्था बनाई गई हैं.