Allahabad High Court News : यूपी में हुक्‍का बार का कारोबार करने वालों के लिए अच्‍छी खबर है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश में अधिकारियों से हुक्का बार चलाने के लिए लाइसेंस देने या नवीनीकरण की मांग करने वाले आवेदनों पर विचार करने की तारीख से एक महीने की अवधि के भीतर कार्रवाई करने को कहा है. 


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2020 में बंद कर दिया गया था 
दरअसल, कोरोना महामारी के दौरान 2020 में राज्य के विभिन्न जिलों में चलने वाले सभी हुक्का बारों को बंद कर दिया गया था. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल की पीठ ने कहा क‍ि कोरोना महामारी प्रतिबंधों में काफी हद तक ढील दी गई है. इसलिए कई दूसरे व्यवसायों को फिर से शुरू करने की अनुमति दी जा सकती है. 


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सरकार की ओर से रखा पक्ष
उन्होंने देश के विभिन्न राज्यों में समान व्यवसायों को चलाने की अनुमति दिए जाने के तथ्यों और परिस्थितियों पर भरोसा किया है. वहीं, अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष गोयल ने राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि हुक्का बार मालिकों ने अभी तक नए लाइसेंस के लिए खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत वैधानिक प्राधिकरण को आवेदन नहीं किया है. यदि वे आवेदन करते हैं, तो उनके अनुरोध पर यथासंभव शीघ्रता से कानून के अनुसार सख्ती से विचार किया जाएगा. 


आवेदन करने की प्रक्रिया शुरू की जाए 
अदालत ने कहा कि इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि उपरोक्त अधिनियम के तहत निर्विवाद रूप से हुक्का बार चलाने के व्यवसाय को विनियमित किया जाता है. संबंधित हुक्का बार चलाने के लिए लाइसेंस के अनुदान/नवीनीकरण के लिए वैधानिक प्राधिकरण को आवेदन करने के लिए खुला छोड़ दिया गया है. 


फिर से व्‍यवसाय शुरू करने की अनुमति दी जाए 
हुक्का बार मालिकों की ओर से पेश वकील ने आग्रह किया कि कोरोना महामारी के दौरान लगाए गए प्रतिबंधों में काफी हद तक ढील दी गई है और इसलिए उन्हें अपना व्यवसाय फिर से शुरू करने की अनुमति दी जा सकती है. 


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