आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र दंपति ने हेल्थ-टेक के लिए दो करोड़ रुपये का दिया योगदान
IIT Kanpur : आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र दंपति ने स्वास्थ्य क्षेत्र में शोध एवं विकास के लिए दो करोड़ रुपये का दिया दान. आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर अभय करंदीकर ने इसका स्वागत किया.
आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र अजय दुबे और उनकी पत्नी रूमा दुबे ने हेल्थ टेक्नोलॉजी के लिए 2.5 लाख डॉलर ( करीब दो करोड़ रुपये) का दान दिया है. आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर अभय करंदीकर और उनके बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए. दुबे और उनकी पत्नी ने रूमा एंड अजय दुबे हेल्थकेयर इनोवेशन एंड आइडियाज प्रोग्राम के लिए ये रकम देकर सबके बीच छा गए. इस फंड के जरिये हेल्थ टेक्नोलॉजी में इनोवेशन एवं स्टार्टअप को बढ़ावा देने का इकोसिस्टम विकसित किया जाएगा. माना जा रहा है कि दुबे की पहल के बाद कई अन्य आईआईटियन या पूर्व आईआईटी छात्र भी इस फंड में योगदान देंगे.
स्टार्टअप इन्क्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (SIIT), आईआईटी कानपुर के बीच इनोवेशन, शोध एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए ये पहल की गई है. प्रोफेसर करंदीकर ने कहा, आईआईटी कानपुर में शोध एवं विकास की सुविधा के साथ हेल्थ टेक्नोलॉजी क्षेत्र में इनोवेशन तेजी से बढ़ा है. स्वास्थ्य सेवा में जुटे स्टार्टअप की संख्या भी बढ़ी है. आईआईटी कानपुर की ओर से वो दुबे दंपति की सराहना करते हैं, जिन्होंने ये योगदान अपने संस्थान को दिया है.
यह अनुदान निश्चित तौर पर स्टार्टअप विकसित करने में जुटे युवा छात्रों को वित्तीय मदद देगा और उन्हें आगे बढ़ने का संबल भी देगा. वहीं अजय दुबे का कहना है कि इस पहल का उद्देश्य उन स्वास्थ्य क्षेत्र की तमाम समस्याओं का समाधान खोजना है.इसके लिए भारत में डिजाइन, विकसित और निर्मित टिकाऊ मॉडलों की जरूरत है. गरीबों के लिए सस्ती सुक्ष स्वास्थ्य सेवा एक बड़ी चुनौती है. लेकिन भारत के लिए स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में आगे बढ़ने का तरीका यह है कि वह अपनी चुनौतियों के लिए हल खुद ही खोजे. वो नए स्वास्थ्य मॉडल को डिजाइन, विकास के साथ इनोवेशन का आगे ले जाए.