आय, जाति, या निवास प्रमाण पत्र के लिए अब न हों परेशान, अप्लाई करें और भूल जाएं, घर पर खुद आ जाएंगे सर्टिफिकेट
जाति (Caste Certificate), आय (Income Certificate), निवास प्रमाण पत्र, विधवा प्रमाण पत्र और वृद्धा पेंशन जैसे तमाम पेपर बनवाने के लिए अब तहसीलों और विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. अब आप ये सर्टिफिकेट ऑनलाइन भी बनवा सकते हैं.
लखनऊ: जाति (Caste Certificate), आय (Income Certificate), निवास प्रमाण पत्र, विधवा प्रमाण पत्र और वृद्धा पेंशन जैसे तमाम पेपर बनवाने के लिए अब तहसीलों और विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. अब आप ये सर्टिफिकेट ऑनलाइन भी बनवा सकते हैं. हालांकि, अगर आप नजदीकी जनसेवा केंद्र (Jan Seva Kendra) पर भी आवेदन करते हैं, तो आपको बार-बार तहसीलों के चक्कर नहीं काटने पड़ंगे. आवेदन करने के बाद आवेदक की जिम्मेदारी समाप्त हो जाएगी. इसके आगे का सारा काम जनसेवा केंद्र अधिकारी-कर्मचारी करेंगे और तय समय के अंदर-अंदर प्रमाण पत्र आपके दरवाजे पर होंगे.
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अब नहीं लगाने होंगे तहसील के चक्कर
अक्सर यह देखा गया है कि प्रमाण पत्र (Certificate) बनवाने के लिए लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आवेदन करने के बाद भी विभाग के लोग सही से काम नहीं करते हैं, और बिना किसी कारण एप्लीकेशन रिजेक्ट कर देते हैं. ऐसे में आवेदनकर्ता को समझ नहीं आता है कि वो क्या करे और वो जल्दी के कारण लगातार दौड़ लगाने को मजबूर होता है . ऐसे में अब से यदि आवेदन पत्र को कैंसिल किया जाता है तो उसका स्पष्ट कारण भी बताना होगा. क्योंकि पहले आवेदन निरस्त करने के लिए विभाग के कर्मचारी कारण भी अपने मनमानी का लिख देते हैं. साथ ही आवेदक से फोन भी कोई संपर्क नहीं करता और उसके आवेदन को अनुचित बताकर निरस्त कर दिया जाता है.
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डीएम ने दिया निर्देश
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, प्रमाण पत्र बनवाने के लिए फीस को लेकर भी शिकायतें आम हैं. इसी तरह की शिकायतों को दूर करने के लिए गोरखपुर के जिलाधिकारी (Gorakhpur DM) विजय किरन आनंद ने एक व्यवस्था बनाने का निर्देश दिया है. अब से जन सेवा केंद्रों पर आने वाले सभी आवेदनों की कलेक्ट्रेट में स्थापित नियंत्रण कक्ष से निगरानी होगी. अगर किसी की लापरवाही मिलती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी.
यह है प्रोसेस
1. सबसे पहले आवेदक को अपने नजदीकी जनसेवा केंद्र पर जाकर आवेदन करना होगा.
2. आवेदन करने के साथ ही नियंत्रण कक्ष से निगरानी शुरू हो जाएगी.
3. निगरानी के केंद्र में लेखपालों की कार्यशैली होगी. अगर कई दिन बीतने के बाद भी आपको सर्टिफिकेट नहीं मिलता है, तो आप कंट्रोल रूम में शिकायत कर सकते हैं
4. अगर आपका आवेदन किसी कारण से रिजेक्ट किया जाता है तो आप जांचकर्ता से उसका कारण जान सकते हैं. साथ ही उसे उसका कारण बताना होगा. 5. अगर जानबूझकर आवेदन को कैंसिल किया गया होगा, तो संबंधित कर्मचारी पर कार्रवाई भी की जाएगी.
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