लखनऊ/मयूर शुक्ला: लखनऊ के माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में वेतन विसंगतियों को लेकर माध्यमिक व्यवसायिक शिक्षक संघ का धरना गंभीर रूप लेता जा रहा है.वेतन में भारी अंतर को लेकर शिक्षक संघ अब आर पार की लड़ाई के मूड में दिख रहा है.  माध्यमिक व्यावसायिक शिक्षक संघ का कहना है 1989 में जब संघ का गठन हुआ था, तब उनका वेतन 1500 रुपये था और प्रवक्ताओं की तनख्वाह 1600 रुपये. मगर अब 34 साल बाद भी उनका वेतन मात्र 15000 है और प्रवक्ताओं का 47 हजार से ऊपर हो गया है.


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7वें वेतनमान की बात तो दूर अब तक छठवें वेतनमान की सुविधाएं भी उन्हें मुहैया नहीं कराई गई हैं. माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में रोज अलग-अलग मंडल के शिक्षक आकर धरना दे रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती तब तक यह धरना अनिश्चितकालीन चलता रहेगा.


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प्रदेश कोषाध्यक्ष राम सिंह का कहना है कि वेतन विसंगतियों के कारण हम विरोध प्रदर्शन अनवरत रूप से करने को मजबूर हैं. हम 992 राजकीय एवं सहायता प्राप्त माध्यमिक व्यावसायिक विद्यालयों के शिक्षक अपनी मांगों और अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं.


उनका कहना है कि माध्यमिक शिक्षा निदेशालय सचिव और अन्य अधिकारियों की ओर से अभी तक उन्हें बस आश्वासन ही मिला है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी उनकी मुलाकात हुई है. सीएम ने कहा है कि मामला उनके संज्ञान में है और जल्द ही इसका समाधान निकाला जाएगा. 


गौरतलब है कि यह धरना प्रदर्शन ऐसे समय शुरू हो रहा है, जब अभी प्राइमरी और सेकेंडरी लेवल पर शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया चल रही है. वहीं नया शैक्षणिक सत्र भी शुरू होने वाला है. 


 


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