उन्नाव: देश पर फना होने वाले शहीदों के परिजनों से किए गए वादे पूरे हुए कि नहीं इसकी हकीकत जाननी हो तो उन्नाव जिले के शहीद अजीत कुमार आजाद की स्मृति में बना शहीद स्मृति स्थल एक बार जरूर घूम आइए. स्मृति स्थल में भरा नाले और बरसात का गंदा पानी साफ-साफ बता रहा है कि हुकमरानों और उस समय अखबार और टीवी पर लंबी लंबी बातें करने वाले किस कदर अपने वादों से मुकर गए हैं. शहीद की मां, पिता, पत्नी और भाइयों को आज भी वादों को पूरा होने का इंतजार है.


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अभी तक नहीं मिला जमीन 
सेंटरल रिजर्व पुलिस फोर्स में सिपाही अजीत कुमार आजाद 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले के दौरान शहीद हो गए थे. शहीद की 67 वर्षीय मां राजवंती आज भी शहीद बेटे की तस्वीर सीने से लगा कर रोती नजर आती हैं. 72 साल के पिता प्यारे लाल जवान बेटे के चले जाने से उतने नहीं टूटे, जितने सरकारी तंत्र की वादाखिलाफी से मायूस हैं. उनकी विधवा पत्नी मीना गौतम हुकमरानों को यह याद दिलाने के लिए अभी भीं चक्कर काट रही है कि जब अजीत शहीद हुए थे तो उनसे वादा किया गया था कि उनको 5 बीघा कृषि योग्य भूमि दी जायेगी. शहीद के आवास को जाने वाली सड़क का नाम शहीद के नाम से रखा जाएगा. उन्नाव शहर में एक चौराहे का नाम भी शहीद के नाम से रखा जायेगा. शहर के एक इंटर कॉलेज को शहीद का नाम दिया जायेगा, लेकिन आज तक एक भीं वादा पूरा नहीं हुआ है.


अजीत के छोटे भाई रंजीत बताते हैं कि जब अजीत शहीद हुए तो सरकार के बड़े अफसर और सारे नेता हमारे घर आए थे. सभी ने कहा था हम आपके साथ हैं चिंता मत करना. यह भी कहा था कि अजीत तो देश के लिए शहीद हो गया, लेकिन हमें अपना भाई समझना. आपके परिवार का हमेशा ध्यान रखेंगे. ध्यान रखने की बात तो दूर लोग दुबारा लौट कर नहीं आए. परिवार शहीद स्मृति स्थल हालातों पर भी बेहद दुखी है. स्मृति स्थल में नाले का और बरसात का पानी जमा हुआ है.


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अगर किसी को शहीद को श्रद्धांजलि देनी हो तो इसी गंदे पानी से होकर ही वहां तक पहुंचा जा सकता है. यहां बड़ी-बड़ी घास उगी हैं. शहीद की आदमकद प्रतिमा पर रोशनी के लिए लगाए गए सोलर पैनल चोर चुरा ले गए हैं, जहां एक तरफ शहीद के सम्मान, उनके परिजनों को सहारा, शिक्षा, सुविधाएं ना मिलने की टीश दिख रही है वहीं, जो वादे पूरे हुए उस पर संतुष्टि और जो लोग अभी साथ हैं उनका या परिवार आभार भी प्रकट करता है.


पत्नी स्थानिय विधायक रखते हैं परिवार का ध्यान 
 शहीद की पत्नी बताती है कि इस सरकार ने उन्हें नौकरी दी है, उन्नाव सदर से भाजपा विधायक पंकज गुप्ता, हिंदू जागरण मंच के प्रांतीय प्रभारी विमल द्विवेदी, अभी उनके परिजनों से मिलते हैं. होली दीपावली बच्चों को मिठाई और पुरस्कार देना नहीं भूलते. डॉ एसके वर्मा के अस्पताल में जब इलाज होता है तो उनसे तथा उनके परिजनों से फीस नहीं लेते हैं.


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