लखनऊ: आज पूरा देश एयरफोर्स डे मना रहा है. हम सभी वायु सेना के अदम्य साहस को सलाम करते हैं. इंडियन एयरफोर्स की स्थापना 1932 में हुई थी. इस बार भले ही वायुसेना की स्थापना दिवस का मुख्य कार्यक्रम चंडीगढ़ में होगा. इससे पहले गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर परंपरागत रूप से एयरफोर्स डे मनाया जाता था. 16 साल बाद ऐसा पहली बार होगा जब एयरफोर्स डे परेड का आयोजन हिंडन एयर बेस से बाहर होगा. हिंडन वायुसेना स्टेशन को एशिया के सबसे बड़े स्टेशन में शुमार किया जाता है.  स्वतंत्रता के बाद 15 जनवरी 1949 को लेफ्टिनेंट जनरल केएम करियप्पा पहले कमांडर इन चीफ बने थे.


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देश के अलग-अलग स्थानों में होगा आयोजन
वायुसेना दिवस की मुख्य परेड को हिंडन बेस से स्थानांतरित करने के पीछे दो अहम वजह बताई जा रही हैं. वायुसेना की ताकत और उसकी क्षमता से पूरा देश वाकिफ हो, इसमें सभी की सहभागिता हो, इसलिए अलग-अलग जगहों पर इसके आयोजन को प्राथमिकता दी जा रही है. केंद्रीय रक्षा मंत्रालय वायु सेना दिवस जैसे मौके पर युवाओं और छात्रों की सहभागिता को भी प्रोत्साहित करता है. जाहिर है कि देश के अलग-अलग स्थानों पर यदि वायुसेना दिवस का मुख्य कार्यक्रम होगा तो अलग-अलग शैक्षणिक संस्थानों के बच्चों को इसमें शिरकत करने का मौका मिलेगा. इससे युवा एयरफोर्स में करियर बनाने को लेकर भी प्रेरित होंगे. 


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देश की शान है भारतीय वायुसेना


इंडियन एयरफोर्स की स्थापना के बाद उसने अपना ध्येय वाक्य 'नभ: स्पृशं दीप्तम्' तय किया. इस ध्येय वाक्य का अर्थ है 'गर्व के साथ आकाश को छूना'. हर देशवासी को प्रेरित करने वाला यह ध्येय वाक्य हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ भगवत गीता के 11वें अध्याय से लिया गया है. इंडियन एयरफोर्स का रंग नीला, आसमानी नीला और सफेद है.1947 के बाद से अब तक इंडियन एयरफोर्स देश के लिए पांच जंग लड़ चुकी है. एयरफोर्स ने पाकिस्तान और चीन के साथ युद्ध में दुश्मन के दांत खट्टे कर दिए थे. 1948, 1965, 1971 और 1999 में पाकिस्तान के विरुद्ध भारतीय वायुसेना ने अपनी ताकत से दुनिया को हैरान कर दिया. चीन के साथ 1962 के युद्ध में भारतीय वायुसेना ने शत्रु को उसकी सीमा में ही कैद रखा. यही नहीं समय-समय पर भारतीय वायुसेना देश हित में अलग-अलग ऑपरेशन का नेतृत्व करती है. ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस और बालाकोट एयर स्ट्राइक इंडियन एयरफोर्स ने ही अगुआई की.