लखनऊ : आजकल के मॉर्डन लाइफस्टाइल में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. हैरानी की बात ये है कि यह बीमारी बड़ों के साथ ही बच्चों में भी बढ़ रही है. गलत खान-पान व लाइफस्टाइल के चलते बच्चों में भी कैंसर की चपेट में आ रहे हैं. लेकिन यदि बच्चों को इस जानलेवा बीमारी से बचाना है तो उनकी लाइफस्टाइल में अहम बदलाव करने होंगे.


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लाइफ स्टाइल में करें ये बदलाव
1.बच्चों को सेहतमंद भोजन कराएं. जंक फूड से जितना मुमकिन हो बचाव करें. इसमें फैट, शुगर और नमक की मात्रा अधिक होती है.


2.जंक फूड के सेवन से बच्चों में मोटापा आता है. यह कैंसर की बड़ी वजह बनता है. 


3.अक्सर बच्चे हरी सब्जियां खाने से बचते हैं. उन्हें मौसमी हरी सब्जियां खाने के लिए प्रेरित करें. इससे उनके शरीर को जरूरी मिनरल और विटामिन मिलेंगे. सब्जियों और फलों में क्षारीय तत्व पाए जाते हैं जो उन्हें कैंसर से बचाता है.


4.बच्चों को अनुशासित जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करें, ऐसा तभी होगा जब आप उनके सामने ऐसी मिसाल पेश करें. जैसे कि सही समय पर सोना, समय पर उठना, नशे से दूर रहना, हर दिन एक्सरसाइज करना व स्वस्थ भोजन करना. 


बच्चों में कैंसर के लक्षण
बड़ों के मुकाबले बच्चों में कैंसर के लक्षण जल्दी दिख जाते हैं. यदि बच्चों में इस तरह के लक्षण दिखाई दें तो आप समझ फौरन डॉक्टर से संपर्क करें.


1. त्वचा पर पीलापन
2. मुंह या नाक से खून निकलना
3.हड्डियों में दर्द होना
4.चलने में परेशानी होना
5.पीठ में दर्द होना
6.पेट या जांघ पर गांठ
7.सुबह के समय उल्टी होना
8.लगातार बुखार और उदासी
9.तेजी से वजन कम होना
10.आंखों में बदलाव नजर आना


कैंसर की वजह
कैंसर एक बहुत गंभीर और जानलेवा बीमारी है. हालांकि यदि समय पर इसका पता चल जाए तो इलाज भी संभव है. वैसे तो कैंसर की वजह होती हैं, लेकिन जब बॉडी में कोशिकाएं असमान्य रूप से बढ़ने या घटने लग जाती हैं तो कैंसर हो जाता है. यह कई तरह का होता है. इसमें स्तन कैंसर, स्किन कैंसर, फेफड़ों का कैंसर और कोलन आदि प्रमुख है. 


1.डाऊन सिंड्रोम : कुछ बीमारियों के कारण से बच्चों में कैंसर होने के चांस बढ़ जाते हैं.  जैसे डाउन सिंड्रोम वाले बच्चों में ल्यूकेमिया होने की संभावना 10-20 गुना अधिक होती है.


2.जेनेटिक: कैंसर एक ऐसी बीमारी है, कई बार एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पहुंच जाती है. अगर आपको कैंसर है तो भविष्य में बच्चे को भी कैंसर होने के चांस होते हैं. रेटिनोब्लास्टोमा एक दुर्लभ प्रकार के आंख का कैंसर है. कुछ बच्चों के मां के पेट से ही होता है. अगर बच्चे को आंख में कोई परेशानी हो तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें.


3.संक्रमण : कई बार इंफेक्शन भी बच्चों में कैंसर की चपेट में ले जाता है. कुछ रिसर्स के मुताबिक EVB छोटे बच्चों में होने वाला एक आम संक्रमण है. ये बच्चों में कैंसर की ओर धकेलता है.
बचाव के उपाय
कैंसर से बच्चों को बचाने के लिए आपको अपनी और बच्चों की जीवनशैली में अहम बदलाव करने होंगे. खुद धूम्रपान या तंबाकू के सेवन से दूर रहें. बच्चों की थाली में मौसमी फल, सब्जियां और अंकुरित अनाज का अनुपात बढ़ाएं. उन्हें फिजिकल एक्टिविटी के लिए प्रोत्साहित करें.