आगरा।  उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में पेरू की तर्ज पर बनने वाला अंतर्राष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र 10 हेक्टेयर में बनेगा. इससे आलू उत्पादक किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा, उन्हें नई प्रजाति की आलू के लिए बीज उपलब्ध होंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

साउथ एशिया रीजनल सेंटर के लिए उद्यान विभाग ने निर्माण कार्य के लिए जमीन का पट्टा भी कर दिया है. राजकीय पारीक्षेत्र सीगना में कृषि एवं कल्याण मंत्रालय के अधीन संस्था राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड गुरुग्राम को 99 साल के लिए जमीन निशुल्क दी गई है, ताकि रीजनल सेंटर का तेजी से निर्माण हो सके.


उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉ धर्मपाल यादव ने बताया कि उत्तर प्रदेश के आलू उत्पादन में 27 फीसदी का अहम योगदान निभाने वाला आगरा दशकों से आलू अनुसंधान केंद्र पेरू अमेरिका की शाखा स्थापित करने की मांग कर रहा था. इससे यहां के एक लाख से अधिक आलू उत्पादक किसानों को आलू की उपज वाली निर्यात और प्रसंस्करण योग्य जलवायु अनुकूल रोगों के प्रतिरोध पोषक तत्वों से भरपूर और लंबे समय तक संग्रहण योग्य आलू बीच की प्रजातियां मिल सकेंगी.


बता दें जून 2023 में प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार ने इसे हरी झंडी भी दे दी है. उद्यान विभाग के राजकीय प्रक्षेत्र सींगना के 138 पॉइंट 50 हेक्टेयर क्षेत्रफल में से अधिकारियों ने 10 हेक्टेयर भूमि चिन्हित भी कर ली है. 18 जनवरी को उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉ धर्मपाल यादव ने राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के उपनिदेशक आईं एन सहाय को 10 हेक्टेयर भूमि 99 साल लिए लीज पर निशुल्क भी दे दी है. जिलाधिकारी आगरा भानु चंद्र गोस्वामी ने भूमि को राजस्व अभिलेखों में और खतौनी में भी चढ़ावा दिया है.


उपनिदेशक उद्यान विभाग डॉ. धर्मपाल सिंह ने कहा, साल 1971 से आलू के क्षेत्र में काम कर रही अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र पेरू साउथ अमेरिका विश्व में आलू करने वाली सर्वोच्च संस्था है. यहां आलू की तमाम प्रजातियों पर रिसर्च किया जाता है. अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान की दक्षिण एशिया में कोई अन्य अनुसंधान शाखा नहीं है. एक केंद्र चीन में स्थापित है. यही कारण है कि चीन विश्व का सबसे बड़ा आलू उत्पादन और निर्यात देश है. यहां निर्यात योग्य आलू प्रजातियों को चीन की परिस्थितियों के अनुकूल विकसित भी किया जाता है.