66 देशों में बिकने को तैयार हैं यूपी के उत्पाद, इंटरनेशनल ट्रेड शो में छोटे कारोबारियों को मिलेंगे बंपर ऑफर
International Trade Show: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आगामी 21 सितम्बर को इस इंटरनेशनल ट्रेड शो का शुभारंभ करेंगी. 24 सितंबर तक ग्रेटर नोएडा में चलने वाले इस आयोजन में 66 देशों के कारोबारी शिरकत करेंगे. आइए जानते हैं कैसे इस अंतर्राष्ट्रीय आयोजन के जरिए यूपी के प्रॉडक्ट दुनिया भर के बाजार में पहुंचने को तैयार हैं.
अजीत सिंह/लखनऊ : ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के भव्य आयोजन के बाद अब ग्रेटर नोएडा में पहला इंटरनेशनल ट्रेड शो आयोजित होने जा रहा है. 21 से 25 सितंबर तक ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट के विशाल परिसर में आयोजित होने जा रहे इंटरनेशनल ट्रेड शो के लिए 66 देशों के 376 खरीददार शिरकत करेंगे. ट्रेड शो की शुरुआत तक देशों के साथ ही बायर्स की संख्या में भी और इजाफा होने की संभावना है. ये कारोबारी न सिर्फ इंटरनेशनल ट्रेड शो में हिस्सा लेंगे, बल्कि उत्तर प्रदेश के उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए संभावनाओं पर भी काम करेंगे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आगामी 21 सितम्बर को इस इंटरनेशनल ट्रेड शो का शुभारंभ करेंगी.
10 रीजन के देश होंगे सम्मिलित
24 अगस्त तक इंटरनेशनल ट्रेड शो के लिए कुल 10 रीजन के देशों के खरीददार शामिल हैं. इसमें यूरोप से सबसे ज्यादा देश और बायर्स हैं. यूरोप से कुल 15 देशों के 60 बायर्स ने रजिस्ट्रेशन के माध्यम से इंटरनेशनल ट्रेड शो में हिस्सा लेने जा रहे हैं. इसके अलावा वेस्ट एशिया नॉर्थ अफ्रीका (वाना) रीजन से 11 देशों, कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेंडेंट स्टेट्स (सीआईएस) के 6 देशों और साउथ ईस्ट एशिया (एसईए) के 4 देशों से 50-50 बायर्स ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. अफ्रीका के 11 देशों से 41 बायर्स भी शो में हिस्सा लेने आ रहे हैं. लैटिन अमेरिका एंड द कैरेबियन (एलएसी) के 8 देशों और साउथ एशिया (एसए) के 4 देशों से 38-38 बायर्स पहुंच रहे हैं. अन्य देशों की बात करें तो नॉर्थ ईस्ट एशिया (एनईए) के 3 देशों से 28 बायर्स, नॉर्थ अमेरिका फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (नाफ्टा) के 3 देशों के 18 बायर्स और साउथ पैसिफिक ओशन में स्थित आइसलैंड के समूहों ओशनिया के एक देश के 3 बायर्स इस भव्य शो के साक्षी बनने जा रहे हैं. ट्रेड शो की शुरुआत तक इस संख्या में और अधिक इजाफा होना तय है.
ये देश बनेंगे इंटरनेशनल ट्रेड शो का हिस्सा
यूरोप के जिन देशों के बायर्स ने इंटरनेशनल ट्रेड शो में आने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है, उनमें ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, इटली, माल्टा, नीदरलैंड्स, पोलैंड, पुर्तगाल, यूके, रोमानिया, बुल्गारिया, स्वीडन और रिपब्लिक ऑफ मोलडोवा शामिल हैं। इसी तरह, सीआईएस से अजरबैजान, बेलारूस, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान, जबकि एलएसी से अर्जेंटीना, ब्राजील, चिली, डोमिनिकन रिपब्लिक, एल साल्वाडोर, ग्वाटेमाला, पेरू और उरूग्वे जैसे देशों के बायर भी होंगे. नाफ्टा से यूएसए, कनाडा, मेक्सिको के बायर्स ने आने की पुष्टि की है तो एनईए से साउथ कोरिया, जापान और चीन के बायर्स भी आने को तैयार हैं. ओशनिया से ऑस्ट्रेलिया तो एसए से बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और श्रीलंका के बायर्स भी आ रहे हैं. इसी तरह एसईए से इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस और वियतनाम, वाना से अल्जीरिया, बहरीन, इजिप्ट, इथियोपिया, ईराक, जॉर्डन, कुवैत, मोरक्को, ओमान, सऊदी अरब और यूएई के बायर्स ने रजिस्ट्रेशन कराया है. अफ्रीका से साउथ अफ्रीका, बोत्सवाना, घाना, केन्या, नाइजीरिया, सेनेगल, बेनिन, तंजानिया, युगांडा और जांबिया जैसे देशों के बायर भी 21 से 25 सितंबर तक इस भव्य आयोजन का हिस्सा बनने जा रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के उत्पादों को मिलेगा वैश्विक मंच
यह इंटरनेशनल ट्रेड शो, उत्तर प्रदेश के बड़े उद्योगों, आईटी, MSME, स्टार्ट अप, शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, पर्यटन व संस्कृति, ऊर्जा, ओडीओपी जैसे सेक्टरों के उद्यमियों, आंत्रप्रेन्योर, विनिर्माताओं और निर्यातकों के लिए वैश्विक मंच उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किया जा रहा है. पूरी दुनिया से आ रहे ये बायर्स उत्तर प्रदेश के उत्पादों को देखेंगे और इन्हें ग्लोबल लेवल पर स्थापित करने के लिए एक मंच मुहैया कराएंगे. इनके माध्यम से उत्तर प्रदेश के उद्यमी, कारोबारी, विनिर्माता और निर्यातक अपने उत्पादों की ग्लोबल लेवल पर मार्केटिंग और ब्रांडिंग कर सकेंगे. ऐसे में इन बायर्स को प्रदेश के उत्पादों के साथ ही यहां की संस्कृति और संस्कारों के भी दर्शन कराए जाएंगे. ये बायर्स उत्तर प्रदेश के अद्भुत 'क्राफ्ट, कुजीन और कल्चर' से जुड़ंगे. उन्हें सभी 5 दिन उत्तर प्रदेश की कला संस्कृति को प्रदर्शित करती हुई सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से भी रूबरू होने का अवसर प्राप्त होगा.
Watch: राखी को इतने दिनों से पहले कभी हाथ से ना उतारें, नहीं तो जान-माल को हो जाता है नुकसान