क्रशर व्यापारी के मौत मामले में IPS Manilal Patidar को पुलिस ने रिमांड पर लिया, घंटों तक होगी पूछताछ
निलंबित आईपीएस मणिलाल पाटीदार को पुलिस घटनास्थल ले गई. यहां उनका बयान दर्ज करेगी. जानिए पूरा मामला
लखनऊ : महोबा में क्रशर व्यापारी की संदिग्ध मौत मामले में आरोपित आईपीएस मणिलाल पाटीदार को पुलिस ने एक दिन की रिमांड पर लिया है. पुलिस आईपीएस मणिलाल पाटीदार को महोबा लेकर रवाना होगी. इस दौरान पुलिस घटनास्थल का दौरा कर उनका बयान दर्ज करेगी. बताया गया कि मणिलाल को शनिवार शाम से रविवार शाम तक यानी 24 घंटे तक रिमांड पर रहेंगे. इस दौरान पुलिस कई साक्ष्य जुटाने का प्रयास करेगी.
सितंबर 2020 से शुरू हो गए थे बुरे दिन
बता दें कि मणिलाल पाटीदार तब चर्चा में आए जब साल 2020 के सितंबर महीने की सात तारीख को यूपी के महोबा जिले के स्टोन क्रशर व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने उनकी महोबा में पुलिस कप्तान के रूप में तैनाती के दौरान छह लाख महीना रिश्वत मांगने का संगीन आरोप लगाया. साथ ही इंद्रकांत ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करके कहा था कि अगर उनके साथ कोई भी अनहोनी होती है तो उसके लिए मणिलाल पाटीदार जिम्मेदार होंगे.
क्रशर व्यापारी की हत्या का है आरोप
इसके बाद महोबा के क्रशर व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी अपनी कार में 8 सितंबर 2020 को गोली लगने के कारण घायल अवस्था में पाए गए थे. उनके गर्दन में पीछे की तरफ गोली लगी थी. उसी दौरान यूपी सरकार के एक्शन में आने के बाद मणिलाल पाटीदार के खिलाफ धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास का मामला दर्ज हुआ था जिसे 13 सितंबर 2020 को इलाज के दौरान इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के बाद 302 यानी हत्या के आरोप में दर्ज कर दिया.
एसआईटी कर रही मामले की जांच
बाद में यूपी के तत्कालीन डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के आदेश पर एसआईटी जांच में मणिलाल पाटीदार को हत्या के आरोप से तो क्लीनचिट मिल गई, लेकिन एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में मृतक व्यापारी की मौत को सुसाइड बताकर मणिलाल पाटीदार के खिलाफ सुसाइड के लिए मजबूर करने का केस दर्ज किया था. उसकी तलाश में बीते दो साल से उत्तर प्रदेश और राजस्थान पुलिस और एसआईटी की टीम जुटी हुई थी.
एक लाख का इनाम भी घोषित था
मणिलाल पाटीदार पर एक लाख का इनाम भी घोषित किया गया था. निलंबित आईपीएस मणिलाल पाटीदार पर आरोप है कि उन्होंने महोबा में एसपी रहते जमकर धन उगाही की. पाटीदार अपने कॅरियर की शुरुआत से ही बदनाम होने लगे थे. उन पर भ्रष्टाचार और वसूली के कई आरोप लगे लेकिन महोबा के क्रेशर कारोबारी इन्द्रकांत त्रिपाठी की मौत के बाद उनके बुरे दिन शुरू हो गए.