जितेन्द्र सोनी/जालौन: उत्तर प्रदेश के जालौन में एक लड़की ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. जान देने की वजह हैरान करने वाली है. बताया जा रहा है कि रजनी नाम की इस युवती को अपनी भैंसों से बेइंतेहा प्यार था. कुछ दिन पहले उसकी भैसें खेतों में चरने के लिए गई थीं, लेकिन वापस घर नहीं आईं. इस बात से वह इतनी उदास हुई कि अपनी जिंदगी खत्म करना ही उसे सही लगा. रजनी की आत्महत्या और उसके पीछे की वजह जानकर सभी लोग दंग हैं.


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भैंसों के वापस न आने से उदास थी रजनी
मृतका के पिता ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि बेटी रजनी भैसों के लिए चारा-पानी का इंतजाम किया करती थी. उसे अपनी भैंसों से बहुत लगाव था. जब ये जानवर चरने के बाद वापस नहीं आए, तो रजनी आहत हो गई और फांसी लगाकर जान देने की कोशिश की. उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल भी ले जाया गया, लेकिन गंभीर हालत देखते हुए डॉक्टर्स ने उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया. वहां पर उसकी मौत हो गई.


उरई जिला अस्पताल से झांसी रेफर
मामला जालौन के ग्राम कुरोना का है, जहां 20 जुलाई को भैंस गुम हो जाने से हताश युवती रजनी ने घर में फांसी लगा ली थी. गंभीर हालत में उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल उरई लाया गया, जहां से उसे झांसी रेफर कर दिया गया. झांसी के अस्पताल में इलाज के दौरान रजनी ने दम तोड़ दिया. 


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3 भैसों का दिनभर ख्याल रखती थी रजनी
मृतक युवती रजनी के पिता बैनी केवट ने बताया कि उन्होंने घर में 3 भैंसें पाली हुई थीं, जिनकी देखभाल उनकी बेटी रजनी किया करती थी. सुबह से लेकर शाम तक रजनी ही भैंसों के खान-पान का ख्याल रखती थी और अपने दिन का ज्यादातर समय उन भैंसों के साथ बिताया करती थी. उन्होंने बताया कि उनकी भैंसें 8 जुलाई को खेतों में चरने के लिए गई थीं, लेकिन लौटकर नहीं आईं. इसी बात से रजनी कई दिनों से दुखी चल रही थी. फिर, 20 जुलाई को उसने सुसाइड करने का फैसला किया और फांसी के फंदे पर लटक गई. परिजन उसे अस्पताल लेकर गए, लेकिन इलाज के दौरान रजनी की मौत हो गई.


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