Metro: यात्रीगण कृपया ध्यान दें! दिल्ली से जेवर जाना होगा आसान, जानिए कैसे?
UP News: आने वाले दिनों में दिल्ली नोएडा और एनसीआर के यात्रियों का जेवर तक का सफर बेहद आसान हो जाएगा. आइए बताते हैं कैसे...
ग्रेटर नोएडा: वर्ल्ड क्लास सुविधाओं के साथ जेवर एयरपोर्ट बन रहा है. आने वाले दिनों में दिल्ली, नोएडा और एनसीआर के यात्रियों का जेवर तक का सफर बेहद आसान हो जाएगा. इसको लेकर दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की तरफ से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. बता दें कि जेवर एयरपोर्ट मेट्रो के तहत नॉलेज पार्क- 2 से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक ग्रीन फील्ड कॉरिडोर बनाने का डीपीआर तैयार किया जा रहा है. खास बात ये है कि ये डीपीआर आगामी 6 महीने में डीएमआरसी बनाकर तैयार कर देगी.
आपको बता दें कि इस मेट्रो की डिजाइन भी अलग होगी. जिसे 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के मुताबिक तय किया जाएगा. इसके साथ ही डीएमआरसी अपने पुराने कॉरिडोर के इस्तेमाल की संभावनाओं को तलाशेगा. इन महत्वपूर्ण सर्वे और डॉक्यूमेंटेशन को पूरा करने के बाद डीपीआर बनाया जाएगा. जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
मेट्रो के जरिए जुडेंगे जेवर और आईजीआईजी एयरपोर्ट
आपको बता दें कि आने वाले कुछ समय में दिल्ली से जेवर जाना बेहद आसान होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि जेवर एयरपोर्ट और आईजीआईजी एयरपोर्ट को मेट्रो के जरिए जोड़ा जाएगा. जानकारी के मुताबिक नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से जेवर तक बनने वाले 72.94 किलोमीटर के इस कॉरिडोर को 2 चरणों में पूरा किया जाएगा. दरअसल, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने ग्रेटर नोएडा से जेवर तक का डीपीआर तैयार कर लिया है. इसके अलावा नई दिल्ली से ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-2 तक की फीजिबिलिटी रिपोर्ट बनाई जा चुकी है.
6 महीने में तैयार होगा डीपीआर
आपको बता दें कि दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन के द्वारा अब नॉलेज पार्क-2 से नई दिल्ली तक बाकायदा डिटेल रिपोर्ट बनाई जाएगी. इसके लिए यमुना प्राधिकरण ने 1.87 करोड़ रुपये डीएमआरसी को भेज दिए हैं. डीएमआरसी के द्वारा ये रिपोर्ट 6 महीने में तैयार कर ली जाएगी. जानकारी के मुताबिक यह कॉरिडोर 37.5 किलोमीटर लंबा होगा.
कॉरिडोर की लागत कम करने का चल रहा प्रयास
आपको बता दें कि इस प्रोजेक्ट की लागत को कम करने के लिए प्रयास चल रहा है. इसके लिए पहले से बने कॉरिडोर के इस्तेमाल की संभावनाओं को डीएमआरसी खोजेगा. जिसके तहत नई दिल्ली से नॉलेज पार्क-2 तक कॉरिडोर में मेट्रो के पहले से बने चुके कॉरिडोर को इस्तेमाल करने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी. जिससे प्रोजेक्ट पर अतिरिक्त बोझ न पड़े. साथ ही लागत को भी कमी आ सके. जानकारी के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट में नोएडा सेक्टर-142 तक एक्वा लाइन मेट्रो और न्यू अशोक नगर से अक्षरधाम तक ब्लू लाइन मेट्रो कॉरिडोर का इस्तेमाल हो सकता है. दरअसल, अगर ऐसा संभव हो पाता है तो इससे एयरपोर्ट मेट्रो कॉरिडोर की लागत बहुत कम हो जाएगी.
डीपीआर में होगा संपूर्ण ब्यौरा
आपको बता दें कि डीपीआर में प्रोजेक्ट से जुड़ा संपूर्ण ब्यौरा होगा. इसके अंतर्गत ट्रेन संचालन योजना, सिंगलिंग एवं टेलीकम्यूनिकेशन, किराया सिस्टम और किराया तय करना, मेट्रो के मेंटेनेंस लिए डिपो, बिजली आपूर्ति, सुरक्षा के पैरामीटर, इसके अलावा किसी भी आपदा से निपटने के लिए मेट्रो में डिजास्टर मैनेजमेंट सिस्टम तैयार करने तक की योजना होगी.
सीईओ यमुना प्राधिकरण ने दी जानकारी
इस मामले में सीईओ यमुना प्राधिकरण डॉ. अरुणवीर सिंह ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-2 से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक मेट्रो कारिडोर का डीपीआर 6 माह में बनकर तैयार हो जाएगा. इसके लिए डीएमआरसी को 1.87 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए हैं. इसके अलावा ओल्ड कॉरिडोर के इस्तेमाल की संभावनाओं के लिहाज से भी सर्वे किया जा रहा है, ताकि लागत में कमी आ सके.
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