Jyoti Maurya Case : एसडीएम ज्‍योति मौर्या (SDM Jyoti Maurya) मामले ने पिछले दिनों खूब सुर्खियां बटोरीं. एसडीएम ज्‍योति मौर्या वाले केस के बाद कई लोगों ने अपनी पत्नियों को पढ़ाने से मुंह फेर लिया. वहीं, अब एसडीएम ज्‍योति मौर्या केस के बाद पत्‍नी को पढ़ाने को लेकर छिड़े विवाद का अनोखे अंदाज में जवाब दिया है. शख्‍स ने ना केवल पढ़ने का हौसला दिया बल्कि खुद दो बच्चियों का पालन-पोषण भी किया. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पढ़ाई का पूरा खर्च उठाया 
दरअसल, यह मामला धनबाद के तोपचाची के गणेशपुर गांव का है. यहां संदीप कुमार पटेल की शादी सुनीता से हुई थी. शादी के बाद भी सुनीता ने पढ़ाई की इच्‍छा जाहिर की. इस पर संदीप ने ना केवल सुनीता का हौसला बढ़ाया बल्कि उसके पढ़ाई का पूरा खर्च भी उठाया. दो बच्‍चे होने के बाद आखिर में संदीप की बेहनत रंग लाई और पत्नी ने यूजीसी नेट में सफलता हासिल कर ली. 


यूजीसी नेट क्‍वालीफाई किया 
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुनीता ने 98.21 परसेंटाइल से यूजीसी नेट (UGC NET) में सफलता पाकर खुद को असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए क्‍वालीफाई कर लिया है. सुनीता की इस सफलता से गांव वाले प्रेरित हो रहे हैं. साथ ही पूरा गांव उत्‍साहित है. सुनीता अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने पति संदीप कुमार पटेल को देती हैं. सुनीता का कहना है कि संदीप के बिना यह सफलता अधूरी रह जाती. सुनीता की इच्‍छा है कि गांव की अन्‍य बहू-बेटियां जिम्‍मेदारी के साथ पढ़ाई कर सफलता हासिल करें. 


प‍ढ़ाई में पति ने की मदद 
सुनीता ने बताया कि कुछ साल पहले जब सुनीता की शादी हुई, तो उन्हें लगा था कि अब चौका-बर्तन में ही उनके दिन गुजरेंगे. ससुराल में पति, सास-ससुर के साथ जेठ-जेठानी भी थे. संयुक्त परिवार होने से जिम्मेदारी ज्यादा थी. इस बीच दो बच्चियों का जन्म हुआ. पति से अपने की मन की बात सुनाई. बताया कि वह पढ़ी-लिखी है और आगे भी पढ़ना चाहती है, फिर क्या था पति ने कभी पीछे मुड़ कर देखने नहीं दिया.


संदीप बच्चियों की करते थे देखभाल 
सुनीता ने बताया कि इसके बाद वह पढ़ाई में जुट गईं. वहीं उनके पति संदीप दोनों बच्‍चों की देखभाल करते थे. संदीप खुद रात जग कर दोनों बच्चियों की देखभाल करते थे. गांव में अलग कमरा लेकर ट्यूशन पढ़ाते थे. घर के शोर शराबे से बचने के लिए संदीप ने सुनीता को कोचिंग सेंटर बुलाकर पढ़ाने लगे. 


WATCH: सीमा हैदर से कैसे बिल्कुल अलग है भारत से पाकिस्तान पहुंची अंजू की कहानी