Kangana Ranaut Kedarnath: बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत को केदारनाथ दर्शन कराने ले गए थे कैलाशानंद, संतों ने याद दिलाई मर्यादा
Kangana Ranaut Kedarnath: आचार्य महामंडलेश्व कैलाशानंद गिरी ने बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री को दर्शन कराने आश्रम छोड़ खुद केदारनाथ तक साथ गए. अब इस मामले पर विवाद शुरू हो गया है.
करण खुराना/हरिद्वार: बॉलीवुड की बोल्ड एक्ट्रेस और अपनी दिलकश अदाओं के लिए मशहूर कंगना रनौत को बाबा केदारनाथ का दर्शन कराने खुद आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद साथ लेकर गए. कंगना रनौत ने उनके साथ अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया में साझा की. अब इस मुद्दे पर विवाद बढ़ता जा रहा है. काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने कैलाशानंद गिरी के कंगना रनौत के साथ केदारनाथ के दर्शन करने का विरोध किया है. उन्होंने निरंजनी अखाड़े से इस मामले में कार्रवाई की मांग की है.
काली सेना ने किया विरोध
काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप का कहना है कि ''आचार्य महामंडलेश्वर के पद की गरिमा होती है. हिंदू धर्म में शंकराचार्य और अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर का पद सबसे सर्वोच्च माना गया है. ऐसे में इस पद की गरिमा बनाए रखना और संतों का ही कार्य है लेकिन जिस तरह से निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अपने पद की गरिमा को समझ नहीं पा रहे हैं और एक अभिनेत्री को दर्शन कराने के लिए खुद अपने आश्रम को छोड़कर केदारनाथ जा रहे हैं और हाथों में हाथ डालकर उनके साथ चल रहे हैं यह हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ है. इतना ही नहीं इससे संतों की छवि भी खराब होती है.''
कैलाशानंद पहले भी विवादों में रहे
इससे पहले भी कैलाशानंद इस्लामिक धर्मगुरु और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी से मुलाकात की थी. उन्हें अपने आश्रम में बुलाया था जिसमें अरशद मदनी द्वारा उन्हें कुरान भेंट की गई थी. इस पर संतों ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. अब अभिनेत्री कंगना रनौत के साथ केदारनाथ दर्शन कराने लेकर जाने का मुद्दा विवादों में आ गया है. संतों ने मांग की है कि ''निरंजनी अखाड़े को इसका संज्ञान लेना चाहिए और उन्हें तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करना चाहिए. अन्यथा उन्हें कम से कम चेतावनी तो देनी ही चाहिए ताकि वह अपने पद की गरिमा को समझें और आगे कुछ करने से पहले अखाड़े से सलाह लें.''
हिंदू रक्षा सेना ने भी खोला मोर्चा
हिंदू रक्षा सेना के प्रमुख व जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोध आनंद ने आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद की कंगना रनौत के साथ केदारनाथ जाने का विरोध करते हुए कहा है कि वह अपने पद की गरिमा को समझें और तत्काल रूप से समाज से माफी मांगे.
हाथ पकड़ने पर क्या बोले
वहीं पूरे प्रकरण पर कैलाशानंद गिरि ने कहा कि ''यदि किसी के मन में भाव या फिर कुभाव है तो उसे दूर कर लेना चाहिए. कंगना रनौत हो या फिर भारत का कोई और भी नागरिक हो भारत के साधु-संतों के प्रति उनकी एक आस्था ओर विश्वास है. कंगना मेरे लिए एक बेटी और बहन की तरह है यदि उसके द्वारा मुझे स्पर्श भी किया जाता है तो मुझे नहीं लगता इसमें किसी को कोई परेशानी होनी चाहिए.''
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