कानपुर: डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'काली' का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. यूपी समेत देश के तमाम हिंदू संगठन फिल्म का विरोध कर रहे हैं. इसी क्रम में फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई समेत छह लोगों के खिलाफ कानपुर के जूही थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. यह मुकदमा अधिवक्ता अनिरुद्ध जायसवाल ने दर्ज कराया है. पुलिस ने आईटी एक्ट समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया. 


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क्या है पूरा मामला? 
फिल्ममेकर लीना मणिमेकलाई ने 2 जुलाई को काली फिल्म का पोस्टर सोशल मीडिया पर शेयर किया था. पोस्टर में मां काली को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया था. इतना ही नहीं बल्कि मां काली के हाथ में एलजीबीटी समुदाय का सतरंगा झंडा भी दिखाया गया था. मां काली के रूप का पोस्टर सामने आने के बाद लोगों ने इसका जमकर विरोध किया. साथ ही धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया. कई लोगों ने फिल्ममेकर लीना मणिमेकलाई को गिरफ्तार करने की मांग भी की.


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यूपी में पहले भी दर्ज हो चुकीं एफआईआर 
बीते दिनों उत्तर प्रदेश में लखनऊ के हजरतगंज और लखीमपुर खीरी के सदर कोतवाली इलाके समेत अन्य कई जगहों पर लीना मणिमेकलई के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है. इसके अलावा गोंडा के कोतवाली थाना में भी मुकदमा दर्ज कराया गया है. देवी देवताओं के अपमान किए जाने के चलते शिकायतकर्ताओं ने फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई पर कार्रवाई करने की मांग की है. 


कौन हैं लीना मणिमेकलाई ?
लीना का जन्म तमिलनाडु के मदुरै में हुआ है. वह कानाडा के टोरंटो बेस्ड फिल्ममेकर हैं. फिल्में बनाने के अलावा लीना एक एक्ट्रेस और शायरा भी हैं. लीना ने अपने करियर की शुरुआत असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर की थी. उन्होंने कई मेनस्ट्रीम फिल्ममेकर्स के साथ काम किया है. उन्हें असिस्ट किया. लीना ने साल 2002 में देवदासी प्रथा पर 'मथम्मा' नाम की एक फिल्म बनाई थी. इस पर भी खूब विवाद हुआ. इस फिल्म पर लीना का परिवार भी उनके खिलाफ था.


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