श्याम तिवारी/कानपुर: कानपुर(Kanpur) में कन्या सुमंगला योजना (Kanya Sumangala Yojana) में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. जिसके बाद अफसरों और कर्मचारियों पर जल्द ही कार्रवाई की गाज गिरेगी. इसके अलावा 258 फर्जी आवेदकों पर भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. जिलाधिकारी ने सभी एसडीएम और बीडीओ से कार्रवाई करके 16 अक्टूबर तक रिपोर्ट देने को कहा है.


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फर्जी रिपोर्ट लगाकर अपात्रों को बना दिया पात्र
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट कन्या सुमंगला योजना में कानपुर में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया. जांच में 258 आवेदन फर्जी पाए गए हैं. दरअसल, जिम्मेदारों ने फर्जी रिपोर्ट लगाकर अपात्र को पात्र बनाने का काम किया. जिसकी जानकारी होने पर तत्कालीन डीएम आलोक तिवारी ने कार्रवाई और रिपोर्ट दर्ज कराने का आदेश दिया था. अभी तक मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो मौजूदा डीएम ने सीडीओ से जानकारी कर फिर से आदेश दिया है. 


डीएम ने सभी SDM और BDO से मांगी रिपोर्ट 
जिलाधिकारी ने सभी एसडीएम और बीडीओ को पत्र भेजकर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है. कन्या सुमंगला योजना के बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा होने के बावजूद जिला प्रोवेशन विभाग मामले से पल्ला झाड़ रहा है. सीडीओ की जांच में फर्जीवाड़ा सामने आ गया, नहीं तो सरकारी धन का बंदरबांट भी हो जाता. जिला प्रोबेशन विभाग ने इतना बड़ा फर्जीवाड़ा होने के बाद भी मामले में गम्भीरता नही दिखाई. विभाग में तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर समेत कई अन्य की भूमिका फर्जीवाड़े में संदिग्ध है. 


जानिए क्या है 'कन्या सुमंगला योजना'
'कन्या सुमंगला योजना' के तहत लाभार्थियों को जन्म के समय से चरणबद्ध तरीके से 15,000 रुपये दिए जाते हैं. जन्म और पहले टीकाकरण के समय क्रमश: 2,000 रुपये और 1,000 रुपये की राशि दी जाती है. इसके बाद कक्षा 1 से 6 में प्रवेश के समय सभी को 2,000 रुपये दिए जाते हैं. 3,000 रुपये की पांचवीं किस्त तब दी जाती है जब एक लड़की कक्षा 9 में नामांकित होती है, जबकि 5,000 रुपये की अंतिम किस्त तब दी जाती है जब एक लड़की पास हो जाती है. कक्षा 12, स्नातक या डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश लेती है.


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