कानपुर/श्यामजी तिवारी: बहुचर्चित बिकरू कांड को अंजाम देने वाले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के सहयोगी रहे छह पुलिसकर्मियों पर शनिवार को बड़ी कार्रवाई की गई. इसके तहत उन्हें अब नौकरी में न्यूनतम वेतनमान ही दिया जाएगा. आठ पुलिसकर्मियों में से 2 तो जांच के बाद बर्खास्त किए जा चुके हैं.


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एडीशनल सीपी हेडक्वाटर्स की जांच रिपोर्ट के बाद शासन स्तर पर धारा 14(1) के तहत यह सजा तय की गई है.  इस कांड में अब तक आठ पुलिस कर्मियों को सजा मिल चुकी है, इनमें से 2 को बर्खास्त किया जा चुका है, जबकि छह पर इस तरह गाज गिराई गई है.


करनी होगी वेतनमान की फिर से शुरुआत
न्यूनतम वेतनमान का मतलब होता है कि अब तक आरोपित पुलिसकर्मियों ने जो भी इन्क्रीमेंट या प्रमोशन पाया होगा, वह सब शून्य हो जाएगा. यानी कि उनको फिर से पहले वेतनमान से शुरुआत करनी होगी.


क्या है बिकरू कांड? 
आपको बता दें कि चौबेपुर के गांव बिकरू में 2 जुलाई 2020 को विकास दुबे के घर दबिश डालने गई पुलिस टीम पर उसके गुर्गों ने हमला कर दिया था. जिसमें बिल्हौर के तत्कालीन सीओ सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. बाद में पुलिस टीम ने विकास दुबे समेत उसके छह साथियों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. जांच में चौबेपुर के तत्कालीन थानाध्यक्ष विनय कुमार तिवारी और हलका इंचार्ज केके शर्मा को विकास दुबे का मददगार पाया गया था. उनपर आरोप है कि पुलिस की दबिश की जानकारी विकास दुबे को पहले से दे दी थी. प्रकरण में दोषी पाये जाने पर दोनों पुलिस कर्मियों की बर्खास्तगी की कार्रवाई विशेष जांच दल की रिपोर्ट के बाद हुई. 


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