श्याम जी तिवारी/कानपुर: यूपी पुलिस प्रशासन लाख ही जतन कर ले, लेकिन प्रशासनिक कामकाज में घूसखोरी कम होने का नाम नहीं ले रही है. ताजा मामला कानपुर का है. यहां के एक युवक को बाबू के अड़ियल रवैये और रिश्वतखोरी का शिकार होना पड़ा. मजबूरी में पीड़ित उसे घूस देने के लिए तैयार हो गया लेकिन उसने एंटी करप्शन टीम को भी इसकी सूचना दी. यहां बाबू (Clerk) के अप्रूवल देने के लिए रिश्वत (Bribe) लेने का मामला सामने आया है. वहीं, एंटी करप्शन विभाग ने बाबू को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है.


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यह है पूरा मामला
कानपुर के आवास विकास में वरिष्ठ सहायक के पद पर मो. इसरार तैनात हैं. इन्हें कानपुर की एंटी करप्शन टीम ने 10 हजार घूस लेते धर-दबोचा है. इन पर भवन निर्माण के लिए अप्रूवल देने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है. नौबस्ता के हंसपुरम में रहने वाले राजेश कुमार मिश्रा कई दिनों से भवन के कागजातों के एप्रूवल के लिए कार्यालय के चक्कर काट रहे थे. ऑफिस में तैनात वरिष्ठ सहायक मो. इसरार ने पेपर्स एप्रूव करने के लिए पंद्रह हजार रुपये मांगे. 


पैसे न देने पर वरिष्ठ सहायक अप्रूवल देने में टालमटोल करने लगा. परेशान होकर राजेश ने इसरार से पैसे कम करने के लिए कहा. इसरार ने इससे कम में राजी होने से इनकार किया. बाद में मामला दस हजार रुपए में तय हुआ. 


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एंटी करप्शन टीम ने बिछाया जाल
रकम तय होने के बाद राजेश ने मामले की सूचना एंटी करप्शन टीम को दी. टीम ने वरिष्ठ सहायक को रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया. टीम ने राजेश को इस प्लान का हिस्सा बनाया और सहयोग करने के लिए कहा. राजेश भी तैयार हो गया. टीम के अधिकारियों ने नोटों पर फिनॉपथिनिलसोडियम कार्बोनेट पाउडर लगा दिया. 


राजेश पांच सौ के बीस नोट लेकर ऑफिस पहुंचा. जैसे ही इसरार ने रुपये लिए एंटी करप्शन टीम ने उसे धर दबोचा. टीम उसे फौरन गिरफ्तार कर नौबस्ता थाने ले आई. यहां पीड़ित की तहरीर पर आरोपी क्लर्क के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया गया है.


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