श्याम तिवारी/कानपुर: उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या के बाद पाकिस्तानी संगठन दावत-ए-इस्लामी पर सवाल उठ रहे हैं. दावत-ए-इस्लामी के तार कानपुर से जुड़ रहे हैं. जिले में इस संस्था की जड़ें बहुत गहरी हैं. यहां दावत-ए-इस्लामी इंस्टीट्यूट कब्जे की जमीन पर संचालित हो रहा है. वहीं, नगर निगम के स्कूलों पर कब्जा कर इमारत बनाने का आरोप है. शिकायती पत्र मिलने के बाद एसीपी कर्नलगंज ने जांच शुरू कर दी है. इसके लिए नगर निगम, केडीए और बीएसए से जमीन संबंधित जानकारी मांगी है. 


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कमिश्नरेट पुलिस ने मामले का लिया संज्ञान 
बीते दिन नगर निगम को गुमनाम शिकायती पत्र भेजा गया है. इसमें कहा गया गया है कि कर्नलगंज के छोटे मियां हाता में नगर निगम के दो स्कूल संचालित थे. दोनों ही स्कूल 800 वर्गगज क्षेत्रफल में बने थे. इनमें कक्षा एक से पांच तक की पढ़ाई होती थी. दोनों ही स्कूल कुछ समय पहले अचानक बंद हो गए. भू-माफिया और अधिकारियों की मिलीभगत से यह जमीन बेच दी गई. इसमें 300 वर्ग गज की रजिस्ट्री अवैध तरीके से दावत-ए-इस्लामी के नाम कर दी गई. इसके बाद इमारत के बाहर अंग्रेजी और उर्दू में दावत-ए-इस्लामी इंडिया का बोर्ड लगा दिया गया. कमिश्नरेट पुलिस ने मामले का संज्ञान लिया. एसीपी कर्नलगंज ने इस संबंध में नगर निगम, केडीए और बीएसए को पत्र लिखकर जांच रिपोर्ट मांगी है. 


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दावत-ए-इस्लामी पर लगे हैं ये आरोप 
गौरतलब है कि दावत-ए-इस्लामी पर गैर कानूनी तरीके से देश से चंदा इकट्ठा कर पाकिस्तान भेजने का आरोप लगा है. आरोप है कि पैसों का इस्तेमाल आतंक फैलाने में होता है. इसके साथ ही धार्मिक क्रियाकलापों की आड़ में लोगों का रेडिकलाइजेशन करने के भी आरोप लगे हैं. उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड में दोनों आरोपियों के तार भी दावत-ए-इस्लामी से जुड़ रहे हैं. मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में इससे जुड़े हैं. 


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