श्याम तिवारी/कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर पुलिस शनिवार को संवेदनहीनता की हदे पाप कर दी.नयहां पर चाकू से घायल एक तड़पती युवती को पुलिस अस्पताल भेजने के बजाए उसका बयान दर्ज करती रही. बाद में युवती की हालत बिगड़ने पर पुलिस ने सरकारी वाहन की जगह मोपेड से युवती को अस्पताल भेजा.


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घायल को अस्पताल भेजने से ज्यादा जरूरी रिपोर्ट लिखना समझा
मामला गोविन्द नगर इलाके का है, जहां पर ज्योती नाम की एक लड़की को उसके प्रेमी अवधेश ने चाकुओं से गोद डाला. उसने ज्योति के पेट पर कई चाकू  मारे. जिसके बाद उसके पेट से खून निकलने लगा और उसे चक्कर आने लगें. ऐसे में मौक पर पहुंचे दारोगा अरुण कुमार राठी को पहले ज्योती को इलाज के लिए अस्पताल भिजवाना चाहिए, लेकिन दारोगा जी को पहले अपना रजिस्टर भरना जरूरी लगा. उन्होंने पहले चाकू मारने वाले प्रेमी अवधेश को जिसे मोहल्ले वालो ने पकड़ लिया था. उसे पहले जीप में बैठाया फिर ज्योति के पास आकर उसका रिपोर्ट लिखने लगे. 


इस दौरान ज्योति चक्कर खाकर कुर्सी पर बैठ गई. इसके बाद रजिस्टर लिखने के बाद दरोगा को अचानक उसके घायल होने का ध्यान आया तो उसे हॉस्पिटल भिजवाने की व्यवस्था में लग गए, जब कोई गाडी नहीं मिली तो तभी उनको वहां से एक मोपेड वाला जाता दिखा. उन्होंने बस उसी में लदवाकर खून बहाती ज्योति को सात किलोमीटर दूर हैलट हॉस्पिटल भिजवा दिए.


नजरअंदाज करने से प्रेमी था नाराज 
गौरतलब है कि ज्योति का पति विजय से टकराव दो साल से चल रहा है. इसी दौरान उसका अवधेस से अफेयर हो गया. कुछ दिनों से ज्योति अवधेश को नजर अंदाज कर रही थी. इसी से नाराज होकर आज अवधेश ने ज्योति को चाकुओं से गोद डाला. हॉस्पिटल में उसकी हालत गंभीर है, क्योकि खून ज्यादा बह गया है.इस मामले में कमिश्नरेट पुलिस के अधिकारी बयान देने से बचते नजर आ रहे हैं.


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