श्याम तिवारी/कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से मानव तस्करी का रूह कंपा देने वाला मामला सामने आया है.आप फिल्मों और बेब सीरीज में तस्करी के बाद तमाम तरह की यातनाए देकर भींख मंगवाने का सीन तो खूब देखें होंगे,लेकिन आज हम आपको एक ऐसे युवक की स्टोरी से रूबरू कराने जा रहे हैं. जिसकी दर्द भरी कहानी पढ़ने के बाद आपकी आंखें आंसुओं से भर जाएगा.


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 आखों में केमिकल डालकर किया अंधा 
नौबास्ता का रहने वाला युवक सुरेश मांझी परिवार को गरीबी से बाहर निकालने के लिए 6 महीने पहले घर से निकला था. पैसा कमाने के सपने लिए वह कानपुर शहर पहुंचा. कानपुर में नौकरी की तालाश कर रहा था. इस दौरान युवक के एक परिचित विजय ने उसे कानपुर के झकरकटी पुल के नीचे बंधक बना लिया. इसके बाद उसकी बेरहमी से पिटाई करते हुए उसके हाथ और पैर के पंजे तोड़ दिए. इतना ही नहीं आंखों में केमिकल डालकर अंधा कर दिया. इस दौरान शरीर को कई जगह दागा भी. सुरेश मांझी के परिचित ने उसकी ऐसी हालात इसलिए किया ताकि उससे भीख मंगवा सके और सुरेश उसकी कमाई का एक साधन बन सके. 


दिल्ली में सुरेश की तबीयत हुई खराब 
इसके बाद विजय ने उसे दिल्ली के एक भिखारी गैंग का लीडर राज को 70 हजार रुपये में बेच दिया.यातनाओं का दौर दिल्ली में भी खत्म नहीं हुआ. यहां पर भी उसकी बेहरहमी से पिटाई की जाती थी. इस दौरान सुरेश की तबीयत खराब हो गई. वह भीख नहीं मांग पा रहा था. ऐसे में  भिखारी गैंग के लीडर ने उसे दो महीने पहले आकोपी विजय के हाथों कानपुर भेज दिया. दो महीने से आरोपी उससे शहर में ही भूखा-प्यासा रखकर भीख मंगवा रहा था.


सुरेश के लिए राहगीर बना भगवान 
बीते रविवार को किदवईनगर चौराहे पर भीख मांग रहे सुरेश पर एक राहगीर की नजर पड़ी. राहगी ने सुरेश से बात की तो उसने पूरी कहानी उसको बताई. इसके बाद राहगीर ने उसे नौबास्ता स्थित उसके घर पहुंचा दिया. इसके बाद  मामले की जानकारी क्षेत्रीय पार्षद प्रशांत शुक्ला को हुई. उन्होंने युवक के परिजनों से नौबस्ता थाने में तहरीर दिलाई.पुलिस द्वारा मामला दर्ज करने में लापरवाही बरतने पर हंगामा भी किया.बाद में पुलिस ने तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.