श्याम जी तिवारी/कानपुर: इत्र कारोबारी धनकुबेर पियूष जैन को जेल में ही रहना होगा. उसके वकील की ओर से लगाई गई जमानत याचिका को जिला जज ने नामंजूर कर दिया. डीजीजीआई के अधिवक्ता अमरीश टंडन ने बताया कि जिला जज के सामने करीब डेढ़ घंटे की बहस हुई. इसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया और शाम को जिला जज ने जमानत याचिका रिजेक्ट कर दी. अमरीश टंडन ने दावा किया है कि इस तरीके के सोने की बरामदगी संघेय अपराध है और यह गैर जमानती है. 


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पीयूष जैन ने कबूली यह बात 
पीयूष जैन के अधिवक्ता ने कोर्ट में इस बात को स्वीकार किया कि बरामद हुए 23 किलो में से 12 किलो सोना एक व्यक्ति ने उनके क्लाइंट पीयूष के पास रखा था. उन्होंने माना कि यह सोना विदेश से तस्करी कर भारत लाया गया था. इसके साथ ही 11 किलो सोना बरामद होने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया. 


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बरामद हुए थे करोड़ों रुपये 
दरअसल, डीजीजीआई के छापे के दौरान इत्र कारोबारी पियूष जैन के आनंदपुरी स्थित घर और कन्नौज की फैक्ट्री से 196 करोड़ रुपये नकद और 23 किलो सोना बरामद हुआ था. इस मामले में डीजीजीआई और ईडी के बाद इनकम टैक्स विभाग ने भी जांच शुरू कर दी है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पिछले हफ्ते जेल पहुंचकर पीयूष जैन के बयान दर्ज किए थे. बता दें कि इस मामले में ही पियूष जैन जेल में बंद है. 


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