कानपुर : क्या केडीए स्पोर्ट्स कांप्लेक्स होगा धराशायी, बिना नक्शे खड़ी की गई बिल्डिंग पर उठे सवाल
Kanpur News: केडीए ने नगर आयुक्त को चिट्ठी जारी की है जिसमें सचिव आवास एवं शहरी नियोजन के आदेश का हवाला देते हुए लिखा गया है कि जो भी निर्माण बिना मानचित्र स्वीकृत के बनाए जा रहे हैं. उनमें नियमानुसार कार्रवाई की जाए.
श्याम तिवारी/कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत चल रहे प्रोजेक्ट को केडीए की एक चिट्ठी ने ब्रेक लगा दिया है. इस चिट्ठी के जारी होने के बाद स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से जुड़े और नगर निगम के अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए हैं. दरअसल स्मार्ट सिटी मिशन के तहत बनवाए गए इमारतों के नक्शे पास नहीं है, जिसमें सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट स्पोर्ट्स कांप्लेक्स भी शामिल है. केडीए स्पोर्ट्स कांप्लेक्स को ढहाने या फिर इसे सील करने की कार्रवाई कर सकता है. केडीए के चिट्ठी बम के आगे नगर आयुक्त बेबस नजर आ रहे हैं. वहीं, हर अधिकारी इस मामले में बोलने से बच रहा है.
बिना नक्शा पास कराए खड़ा कर दिए स्पोर्ट्स कांप्लेक्स
शहर के पालिका स्टेडियम में क्रिकेट की गतिविधियों का संचालन होता है. यहां पर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत मल्टीपरपज स्पोर्ट्स कांप्लेक्स बनाया गया है. करोड़ों की लागत से बनाए गए इस कांप्लेक्स में 22 इंडोर गेम खेले जा सकते हैं. स्पोर्ट्स कांप्लेक्स बनकर पूरी तरीके से तैयार हो चुका है, जिसका उद्घाटन सीएम योगी आदित्यनाथ को करना है. इस दौरान केडीए की एक चिट्ठी ने इस निर्माण पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं. नगर निगम की जमीन पर स्मार्ट सिटी का करोड़ों रुपए खर्च कर स्पोर्ट्स कांप्लेक्स बनाया गया है. हैरानी की बात यह है कि इस स्पोर्ट्स कांप्लेक्स का नक्शा पास नहीं कराया गया. बिना नक्शा पास कराए ही इतना बड़ा कांप्लेक्स बनाकर तैयार कर दिया गया. न ही नगर निगम के अधिकारियों ने नक्शा पास कराने की जरूरत महसूस की और ना ही ठेकेदार और स्मार्ट सिटी से जुड़े अधिकारियों ने इस ओर ध्यान दिया. जिसके चलते फिलहाल यह इमारत पूरी तरीके से अवैध है.अवैध इमारत का शुभारंभ मुख्यमंत्री के हाथों नहीं कराया जा सकता इसी वजह से इसके उद्घाटन को टाला जा रहा है.
केडीए ने नगर आयुक्त को चिट्ठी जारी की है जिसमें सचिव आवास एवं शहरी नियोजन के आदेश का हवाला देते हुए लिखा गया है कि जो भी निर्माण बिना मानचित्र स्वीकृत के बनाए जा रहे हैं. उनमें नियमानुसार कार्रवाई की जाए. उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 की सुसंगत धाराओं में कार्रवाई किया जाना आवश्यक है. चिट्ठी में लिखा गया कि किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति ना उत्पन्न हो इसके लिए कानपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्यों में उपयुक्त अधिनियम के सापेक्ष निर्गत भवन उपविधि का अनुपालन किया जाना विधिक रुप से आवश्यक है. जिसके अंतर्गत बिना नक्शा पास कराई गई बिल्डिंग को धराशाई किया जा सकता है या फिर उसकी सीलिंग की कार्रवाई की जा सकती है. केडीए सचिव शत्रुघ्न वैश्य ने चिट्ठी जारी की है चिट्ठी के जारी होने के बाद से नगर आयुक्त के होश उड़े हुए हैं. उनसे इस बारे में बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया उन्होंने कहा कि जिससे चिट्ठी जारी की है उससे जाकर बात करो.
मंडलायुक्त जोकि स्मार्ट सिटी परियोजना के चेयरमैन हैं उन्होंने भी इस बाबत बात करने से इंकार कर दिया. उन्होंने यह तो बताया कि यह स्पोर्ट कांप्लेक्स सीएम की प्राथमिकता लिस्ट में है, लेकिन उन्होंने पहले ही यह कह दिया कि वह केडीए की चिट्ठी के बारे में वह बात नहीं करेंगे. वहीं, यह मामला अब शासन स्तर पर पहुंच गया है जिसके चलते कानपुर में मौजूद अधिकारियों ने अब इस मामले में अपने होठ सी लिए हैं. कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है जबकि करोड़ों रुपए से बना स्टेडियम सफेद हाथी बन कर खड़ा हुआ है. स्मार्ट सिटी के फंड का बंदरबांट करने में अधिकारी इतना मशगूल हो गए कि उन्होंने स्पोर्ट कांप्लेक्स का नक्शा पास कराना जरूरी नहीं समझा. अब केडीए के इस पत्र के बाद स्पोर्ट्स कांप्लेक्स पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं.